माचेराता, इटलीः बेनेडिक्ट 16 वें ने मात्तेओ रिच्ची के चीनी प्रेम की पुष्टि की
सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने इस बात की पुष्टि की है कि फादर मात्तेओ रिच्ची को चीन
की कलीसिया एवं चीनी लोगों से बेहद प्रेम था। इताली काथलिक मिशनरी फादर मात्तेओ रिच्ची
के निधन की चौथी शताब्दी के उपलक्ष्य में इटली के माचेराता नगर में "विज्ञान, तर्कणा
एवं विश्वासः फादर मात्तेओ रिच्ची की प्रतिभा" शीर्षक से आयोजित अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन
में एक तार संदेश प्रेषित कर सन्त पापा ने उक्त बात की पुष्टि की। सन्त पापा की ओर
से वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल तारचिसियो बेरतोने द्वारा प्रेषित संदेश में सन्त पापा
ने, फादर रिच्ची के अपूर्व सांस्कृतिक एवं वैज्ञानिक कार्यों से लोगों को परिचित कराने
हेतु आयोजित सम्मेलन एवं तीन दिवसीय अध्ययन शिविर के लिये आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त
किया। सन्त पापा ने चीनी लोगों के प्रति फादर रिच्ची के निःस्वार्थ प्रेम की सराहना की
तथा प्राचीन चीनी सभ्यता एवं ख्रीस्तीय धर्म की नवीनता के बीच सामंजस्य दर्शाने में उनकी
क्षमता की भूरि भूरि प्रशंसा की। चीन के प्रेरित कहे जानेवाले इताली काथलिक मिशनरी
फादर मात्तेओ रिच्ची का जन्म इटली के माचेराता नगर में छः अक्तूबर सन् 1552 ई. को हुआ
था। 18 वर्ष की आयु में आपने येसु धर्मसमाज में प्रवेश किया तथा सन् 1578 में आपको गोवा
प्रेषित किया गया। गोवा में ही सन् 1580 ई. में आपका पुरोहिताभिषेक हुआ जहाँ से सन् 1583
में आप चीन प्रेषित किये गये। चीन के पिकिंग शहर में 11 मई सन् 1610 को आपका निधन हो
गया।