2010-03-09 11:21:58

‘अल इस्लाम’ के संपादक ने क्षमा माँगी


पेनांग, मलेशिया 8 मार्च, 2010 सोमवार (उकान) मलेशिया के काथलिकों ने इसलामिक पत्रिका के पत्रकारों द्वारा कथित रूप से परमप्रसाद का अनादर करने के मामले में माफी माँग लिये जाने को स्वीकार कर लिया है।
‘अल इस्लाम’ पत्रिका के संपादक ने बताया कि सन् 2009 के मई महीने दो पत्रकार मुस्लिमों के धर्मपरिवर्तन के संबंध में खोजबीन करते हुए पवित्र परमप्रसाद अनादर किया था।
उन्होंने जानबूझ कर परमप्रसाद का निरादर नहीं किया है। पत्रिका के संपादक ने यह भी बताया कि उन्होंने पत्रिका के वेब-साइट में एक क्षमा पत्र प्रकाशित कर दिया है।
उन्होंने उन पत्रकारों की ओर से इस बात के लिये क्षमा माँगी कि अनजाने ही उन्होंने ईसाइयों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाये था।
पत्रिका के संपादक ने इस बात का भी आश्वासन दिया कि ‘क्षमा याचना पत्र’ को पत्रिका के अगले अप्रैल माह के अंक में भी प्रकाशित की जायेगी।
विदित हो कि मई 2009 के अंक में पत्रिका ने इस बात को प्रकाशित किया था कि अल इस्लाम के दो पत्रकार कुवालालम्पुर के एक गिरजाघर में घुसे और परमप्रसाद पर थूँका और उसकी तस्वीर खींची।
8 जुलाई सन् 2009 को पल्ली के लोकधर्मी सुधाकरन स्टैनली ने अदालत को इसकी रिपोर्ट दर्ज़ करायी थी।
23 फरवरी को यह भी बताया गया था कि पुलिस इस संबंध में कोई कारवाई करने के लिये तैयान नहीं थी।
क्षमा याचना पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कुवालालम्पुर के महाधर्माध्यक्ष मर्फी पाकियम ने कहा कि वे पत्रकारों की क्षमा याचना स्वीकार करते हैं।
इसी स्वीकति के साथ इस मामला को यहीं समाप्त कर देना चाहिये। उधर एस. वी. संगम ने कहा है कि क्षमा याचना की विश्वसनीयता पर उन्हें संदेह है पर इसे स्वीकार किया जाना चाहिये।
उन्होंने कहा कि कम-से-कम लोगों को यह संदेश तो मिल गया कि कुछ सीमा रेखाओं को पत्रकार पार नहीं कर सकते हैं।



















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