अल-इस्लाम के पत्रकार सार्वजनिक माँफी माँगें – महाधर्माध्यक्ष मर्फी
क्वालालम्पुर, मलेशिया, 6 मार्च, 2010 शनिवार 2010 (उकान)। कुवालालम्पुर के महाधर्माध्यक्ष
मर्फी पाकियम ने कहा है कि काथलिक कलीसिया उन अल इस्लाम पत्रिका के दो पत्रकारों के विरुद्ध
कानूनी कारवाई रोक देगी यदि वे सार्वजनिक रूप से माफी माँगेगे। पत्रकारों पर आरोप
है कि उन्होंने पवित्र परमप्रसाद को अनादर किया था। महाधर्माध्यक्ष मर्फी ने 4 मार्च
को एक संवाददाता सम्मेल में इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि अल-इस्लाम नामक मासिक
पत्रिका के दो पत्रकारों ने मई 2009 के अंक में इस बात को छापा था कि उन्होंने कुवालालम्पुर
के एक गिरजाघर में परमप्रसाद ग्रहण किया और उसे थूकने के बाद उसकी तस्वीर खींची। विगत
8 जुलाई को ही स्टैनली नामक एक कैथलिक ने इस संबंध में पत्रिका के ख़िलाफ एक शिकायत दायर
कराई । 23 फरवरी को स्टैनली ने एक अदालत से एक जवाब पाया जिसमें लिखा था कि इसके
लिये और कोई कारवाई की नहीं की जा सकती है। महाधर्माध्यक्ष ने इस पर प्रतिक्रिया
व्यक्त करते हुए कहा है कि पत्रिका के सम्पादक को धार्मिक विश्वास के प्रति कोई आदर की
भावना नहीं हैं जो उचित नहीं हैं। तथाकथित पत्रिका के उस लेख और तस्वीर से काथलिक
समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँचा है। फिर भी अगर दोनों पत्रकार आम माफी माँग लें तो वे
कानूनी कारवाई वहीं समाप्त कर देंगे। उधर स्टैनली ने इस बात की जानकारी दी है कि
जब तक ऐसा कोई आश्वासन प्राप्त नहीं हो जाता है वे कानूनी कारवाई की प्रक्रिया जारी रखेंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि वे मार्च महीने के अंत में एक एक विरोध रैली का आयोजन करेंगे।
उन्होंने इस बात की जानकारी मलेशिया के प्रधानमंत्री नज़ीब अब्दुल रज्ज़ाक को भी
दे दी है। स्थानीय मीडिया के अनुसार दोनों पत्रकारों ने अपनी अनभिज्ञता के कारण परमप्रसाद
का आदर नहीं किया इसलिये उनके साथ कानूनी कारवाई करना शांति सद्भावना और न्याय के हित
में नहीं होगा। उधर स्टैनली ने बल देकर कहा है कि पत्रकारों ने परमप्रसाद का अनादर
कर काथलिकों की धार्मिक भावनाओं का अनादर किया है अतः उनपर कानूनी कारवाई होनी चाहिये
अन्यथा दूसरे धर्मों का अनादर होता रहेगा। धार्मिक भावनाओं का आदर नहीं होना समाज
की शांति व्यवस्था के कभी भी भंग कर सकती है।