2010-03-05 15:33:57

यूगांडा के धर्माध्यक्षों के लिए संत पापा का संदेश


संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने युगांडा से आये धर्माध्यक्षों को पंचवर्षीय पारम्परिक मुलाकात की समाप्ति पर शुक्रवार को सामूहिक रूप से सम्बोधित किया। उन्होंने देश के बुदुदा प्रांत में भूस्खलन से प्रभावित हुए लोगों का विशेष स्मरण कर मृतकों पर ईश्वरीय दया तथा पीड़ितों के लिए साहस और आशा की कामना की। हाल में सम्पन्न अफ्रीकी धर्माध्यक्षों की दूसरी विशेष धर्मसभा का स्मरण कर उन्होंने इसे पूरे महाद्वीप में सुसमाचार प्रसार की सेवा में नवीकृत प्रयासों का आह्वान बताया। संत पापा ने कहा कि ईशवचन का ज्ञान और येसु का प्रेम लोगों के सोचने और काम करने के तरीकों को बेहतर बनाकर उनके जीवन में पूर्ण परिवर्तन ला देता है।
संत पापा ने धर्माध्यक्षों को परामर्श देते हुए कहा कि विवाह संस्कार की महत्ता तथा अविच्छेदयता एवं जीवन संबंधी अधिकार की सराहना करने के लिए वे लोगों को प्रोत्साहन दें एवं व्यक्तिवाद की भौतिक संस्कृति के प्रलोभनों का सामना करने में मदद करें। विश्वासी समुदाय सह्दयता, वार्ता और मेलमिलाप के भाव में न्याय पर आधारित दीर्घकालीन शांति के लिए काम करे तथा यथार्थ ख्रीस्तीय एकतावर्द्धकता का प्रसार करे। उन्होंने कहा कि नवीकृत सुसमाचार प्रचार गहन काथलिक संस्कृति को जन्म देता है जो परिवार में आरम्भ होती है। काथलिक संस्कृति के प्रसार के लिए पल्लियों, विद्यालयों और संगठनों में चलाये जा रहे कार्यक्रमों की वे सराहना करते हैं। संत पापा ने कहा कि अच्छी तरह तैयार लोकधर्मी जो मीडिया राजनीति और संस्कृति जगत में सक्रिय हैं वे अच्छे परिणाम दे सकते हैं इसलिए प्रशिक्षण के पर्याप्त कार्यक्रम चलाये जायें विशेष रूप से उन्हें काथलिक सामाजिक शिक्षा में प्रशिक्षित किया जाये। संत पापा ने आह्वान किया कि आर्थिक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध धर्मप्रांत दूसरों की सहायता करें क्योंकि यह जरूरी है कि लोगों में अपने, अपने समुदाय और कलीसिया के प्रति जिम्मेदारी की भावना का विकास हो तथा सार्वभौमिक कलीसिया की जरूरतों के प्रति वे काथलिक संवेदनशीलता के भाव से पूर्ण हों। संत पापा ने धर्माध्यक्षों को प्रोत्साहन दिया कि पुरोहितों को समर्पित वर्ष में सुसमाचार की सेवा में समर्पित पुरोहितों को वे अपने उदाहरण और स्पष्ट शिक्षा से सहायता दें। यूगांडा के धर्मसमाजियों का आह्वान किया जाता है कि सम्पूर्ण कलीसिया के लिए वे उदाहरण और प्रोत्साहन का स्रोत बनें। पुरोहितों और धर्मसमाजियों को ब्रह्मचर्य का जीवन जीने के लिए निरंतर समर्थन की जरूरत है। संत पापा ने धर्माध्यक्षों से कहा कि धर्मशिक्षक महान संसाधन हैं। इसलिए उनकी जरूरतों और प्रशिक्षण के प्रति जागरूक रहें तथा यूगांडा के शहीदों धन्य दाऊदी ओकेलो और धन्य जिल्दो इरवा के उदाहरण को उनके सामने रखें जिनसे से वे प्रेरणा प्राप्त करते रहें।








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