काहिरा, मिस्रः मुसलमानों एवं ख्रीस्तीयों द्वारा धर्म पर आधारित हिंसा की निन्दा
इस्लाम एवं ख्रीस्तीय प्रतिनिधियों ने राजनैतिक स्वार्थ, हिंसा तथा भेदभाव का औचित्य
ठहराने के लिये धर्म के दुरुपयोग का बहिष्कार किया है।
काथलिक कलीसिया की ओर
से वाटिकन स्थित अन्तरधार्मिक वार्ता सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल
जाँ लूई तौराँ तथा इस्लाम धर्म की ओर से काहिरा स्थित अल-अज़हर विश्वविद्यालय के शेख़
मुहम्मद अब्द-अल-अज़ीज़ वासिल ने, विगत दिनों काहिरा में अन्तरधार्मिक बैठक के उपरान्त
एक ऐतिहासिक घोषणा पर संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किये।
काथलिक तथा इस्लाम धर्म
के धर्माधिकारियों ने ये प्रस्ताव रखेः "राजनैतिक स्वार्थ अथवा और किसी स्वार्थ के लिये
धर्म के नाम पर हिंसा भड़काने के प्रति सचेत रहा जाये; धार्मिक पहचान पर आधारित भेदभाव
को दूर किया जाये; तथा आपसी क्षमा एवं पुनर्मिलन के लिये सदैव द्वार खुला रखा जाये इसलिये
कि ये शान्तिपूर्ण एवं फलदायी सहअस्तित्व के लिये नितान्त आवश्यक है।"
लोगों
से काथलिक एवं मुसलमान प्रतिनिधियों ने आग्रह किया कि सामान्य मूल्यों पर आधारित वार्ता
की संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिये वे विभिन्न धर्मों के लोगों की समानताओं को
मान्यता दें तथा साथ ही उनके बीच विद्यमान भिन्नताओं एवं विविधताओं का सम्मान करें। उन्होंने
कहा कि जाति एवं धर्म का भेदभाव किये बिना हर मानव प्राणी की प्रतिष्ठा को मान्यता देने
तथा उसका सम्मान करने से ही न्याय, शान्ति, समानता को बढ़ावा मिलेगा तथा सबके लिये समृद्ध
एवं शान्तिपूर्ण जीवन का आश्वासन प्राप्त किया जा सकेगा।