2010-02-25 16:34:33

संयुक्त राष्ट्र संघीय बैठक में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में हुई प्रगति का पुनरावलोकन


महिलाओं के सशक्तिकरण और उन्हें समानता प्रदान करने की दिशा में हुई प्रगति का पुनरावलोकन करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ न्यूयार्क में 1 से 12 मार्च तक बैठक का आयोजन करने जा रहा है। इस बैठक में शामिल होनेवाले प्रतिनिधियों और अधिकारियों में नाजरेथ सिस्टर अन मोयालेन भी शामिल हैं। 24 फरवरी को नई दिल्ली से प्रस्थान करनेवाली सिस्टर मोयालेन ने कहा कि इस बैठक में उनकी उपस्थिति भारत में महिलाओं की मुक्ति के लिए काथलिक धर्मसमाजियों के योगदान का सबूत है। संयुक्त राष्ट्र संघ समर्थित बैठक का उद्देश्य बीजींग उदघोषणा को लागू किये जाने के संदर्भ में विभिन्न देशों में हुई प्रगति का मूल्यांकन करना है। सितम्बर 1995 में बीजींग में 189 देशों की सरकारों और 2100 गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने महिलाओं के सशक्तिकरण और समानता को बढ़ावा देने के लिए नया एजेंडा तैयार किया था। सिस्टर मोयालेन ने कहा कि न्यूयार्क में सम्पन्न होनेवाली इस बैठक के दौरान उक्त घोषणा को विभिन्न देशों की सरकारों ने किस प्रकार लागू किया इसका अध्ययन किया जायेगा। महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्वतंत्रता और समानता के प्रसार के लिए महिलाओं विशेषकर धर्मसमाजी महिलाओं द्वारा किये गये कार्य़ का विवरण सिस्टर मोयालेन प्रस्तुत करना चाहती हैं। दशकों तक काथलिक धर्मसमाजियों ने गाँवों और झुग्गी झोपड़ियों में महिलाओं और बच्चों की सहायता करने के लिए दिन रात काम किया है। सिस्टर मोयलेन ने युवाकाल के समय बिहार में डायन प्रथा के खिलाफ काफी काम किया था और अभी दिल्ली की झुग्गी झोपडि़यों में रहनेवालों के बीच काम करती हैं। वे विशेष रूप से मुसलमान महिलाओं और युवतियों को शिक्षित करने के काम में सहयोग कर रही हैं तथा चाहती हैं कि धर्मसमाजी महिलाएँ नेतृत्व की भूमिका लें ताकि दुनिया उनके काम को देखे और उनके कार्य़ को और अधिक समर्थन मिले।








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