2010-02-22 20:38:54

संत पापा से सीखें चालीसा काल को अर्थपूर्ण बनना - वाटिकन प्रवक्ता


संत पापा से सीखें चालीसा काल को अर्थपूर्ण बनना - वाटिकन प्रवक्ता
वाटिकन सिटी, 22 फरवरी, सोमवार 2010 (ज़ेनित)। संत पापा ने चालीसा काल को आध्यात्मिक वरदान का समय बनाने के लिये स्पष्ट और ठोस निर्देशन एवं उदाहरण दिया है जिससे लोगों को अवगत होने की आवश्यकता है।
उक्त बातें वाटिकन प्रेस कार्यालय के प्रवक्ता फादर फेदेरिको लोमबारदी ने उस समय कहीं  जब वे वाटिकन टेलेविज़न के साप्ताहिक कार्यक्रम ‘ऑक्तावा दियेस ’ में बोल रहे थे।
उन्होंने आगे कहा आज के युग में कई लोग इस बात से अनभिज्ञ हैं कि किस तरह से चालीसाकाल को अर्थपूर्ण तरीके से बिताना चाहिये। फादर लोमबारदी ने आगे कहा यदि हम चाहते हैं कि चालीसा काल को पुण्य काल बनायें तो हमें संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें के सप्ताह भर के कार्यक्रमों पर ग़ौर करना चाहिये।
गत रविवार 7 फरवरी को संत पापा ने कारितास द्वारा चलाये जा रहे एक सेवा केन्द्र गये जहीँ उन्होंने शहर के ग़रीब लोगों से मुलाक़ात की, उनसे बातें की और अपने मधुर और ढाढ़सपूर्ण बातों से उनके जीवन में आशा का संचार किया।
सोमवार और मंगलवार को आयरलैंड़ के धर्माध्यक्षों से मुलाक़ात की और आयरलैंड की कलीसिया चुनौतियों के बारे में सुना। उन्होंने कहा कि पुरोहितों को चाहिये कि अपने जीवन से येसु के प्रेम का साक्ष्य दें।
उन्होंने ईश्वर से याचना की ताकि वे पवित्र आत्मा को ग्रहण करें और उनका जीवन नवीन हो जाये। जेस्विट फादर लोमबार्दी ने आगे बताया कि संत पापा ने बुधवार और वृहस्पतिवार को राखबुध की धर्मविधि सम्पन्न किये और रोम धर्मप्रांत के पुरोहितों से मिले।
ग़ौरतलब है कि उन्होंने इन सभी क्रियाकलापों और धर्मविधियों को पूर उत्साह बुद्धिमत्ता से किया ताकि लोगों को ईश्वर के वचन को सुनने और उन्हें पहचानने में मदद मिले।
दूसरे शब्दों में हम यही कह सकते हैं कि संत पापा ने अपने प्रार्थनामय जीवन और सेवा से लोगों की मदद करते हुए एक आर्दश प्रस्तुत किया और कहा ‘तुम भी जाओ और ऐसा ही किया करो’। ज्ञात हो कि येसु अपने शिष्यों को ऐसा ही कहा करते थे।



















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