2010-02-22 20:34:30

विश्व में काथलिकों की संख्या में वृद्धि


वाटिकन सिटी, 22 फरवरी 2010 सोमवार (ज़ेनित) वाटिकन द्वारा हाल में प्रकाशित “अन्नुवारियो पोन्तिफिचियो” के अनुसार एशिया और अफ्रीका के काथलिकों की संख्या में वृद्धि तो हुई ही है पुरोहितों और सेमिनेरियनों की संख्या में भी बढ़ी है।

वाटिकन के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट कार्डिनल तारचिसियो बेरतोने ने उक्त जानकारी उस समय दी जब उन्होंने शनिवार 20 फरवरी को संत पापा के लिये परमधर्मपीठीय ईयरबुक “अन्नुवारियो पोन्तिफिचियो” भेंट की ।

इस वार्षिक किताब के आँकड़े बताते हैं कि सन् 2008 में बपतिस्मा प्राप्त काथिलकों की संख्या 1 अरब 166 करोड़ हो गयी है, जो सन् 2007 की जनसंख्या से 19 लाख ज़्यादा है । अर्थात् काथलिकों की जनसंख्या में 1.7 प्रतिशत की वृद्धि पायी गयी है। इस आँकड़े के आधार पर काथलिकों की संख्या पूरे विश्व में 17.40 प्रतिशत हो गयी है। जो सन् 2007 में 17.33 प्रतिशत थी।

आँकड़े बताते हैं कि धर्माध्यक्षों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। सन् 2007 में विश्व में धर्माध्यक्षों की संख्या 4 हज़ार 9 सौ 46 थी जो सन् 2008 में बढ़कर 5 हज़ार 2 हो गयी है। धर्माध्यक्षों की संख्या की वृद्धि में ओसियाना क्षेत्र में सबसे अधिक 3 प्रतिशत की वृद्धि का योगदान है। एशिया में यह वृद्धि दर 1.09 प्रतिशत और यूरोप में .70 प्रतिशत की रही है।

परमधर्मपीठीय वार्षिक आँकड़े के अनुसार पुरोहितों की संख्या में 2000 से लेकर 2008 के बीच 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सन् 2000 में पुरोहितों की संख्या 4 लाख 5 हज़ार 178 थी जो सन् 2008 में बढ़कर 4 लाख 9 हज़ार 166 हो गयी।

ग़ौरतलब है कि इनमें से 47.1 प्रतिशत पुरोहित अभी भी यूरोपीय देशों में ही निवास करते हैं। एशिया में 13.2 प्रतिशत अमेरिका में 30 अफ्रीका में 8.7 और ओसनिया में 1.2 प्रतिशत पुरोहित हैं। यह भी स्मरण रहे कि यूरोप में पुरोहितों की संख्या 51. 5 प्रतिशत से घटकर मात्र 47.1 प्रतिशत रह गयी है।

उधर पूर्णरूप से समर्पित धर्मबहनों की संख्या में गिरावट आयी है। सन् 2000 के आँकड़ो के अनुसार उनकी संख्या 8 लाख 1 हज़ार 185 थी जो सन् 2008 में घटकर 7 लाख 39 हज़ार 67 रह गयी है।

यूरोप में धर्मबहनों की संख्या 40.9 प्रतिशत, अमेरिका में 27.5 प्रतिशत है जो पहले की अपेक्षा कम है। पर अफ्रीका में 21.2 प्रतिशत और एशिया में 16.4 प्रतिशत की वृद्धि पायी गयी है।

जब हम पुरोहित बनने के लिये प्रशिक्षण पा रहे रहे प्रशिक्षुओं या सेमिनेरियनों की बात करें तो आँकड़े बताते हैं कि उनकी संख्या में वृद्धि हुई है।

सन् 2007 में उनकी संख्या 1 लाख 15 हज़ार 9 सौ 19 थी जो सन् 2008 में बढ़कर 1 लाख 17 हज़ार 24 हो गयी है अर्थात संख्या में 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

इस वृद्धि में अफ्रीका का 3.6 प्रतिशत, एशिया में 4.4, और ओसियाना में 6.5 प्रतिशत का योगदान है। पर अमेरिका में सेमिनेरियनों की संख्या में 4.3 प्रतिशत की दर की गिरावट देखी गयी थी जो अभी भी उसी दर से जारी है।









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