केरल आधारित सिस्टर्स औफ द देस्टिच्यूट कांग्रेगेशन की अध्यक्षा सिस्टर स्मिता वेमबिली
ने कहा है कि भारतीय काथलिक धर्मसमाजियों को समाज के हाशिये पर रहनेवाले लोगों की सहायता
करने तथा न्यायी समाज बनाने के लिए राजनीति में भाग लेना चाहिए। उनके कहने का आशय राजनीति
में प्रत्यक्ष रूप से शामिल होने से नहीं है लेकिन धर्मसमाजियों को निर्धनों के हित में
कहना चाहिए और उनके जीवन से जुड़े विभिन्न मुद्दों में लोगों के साथ खड़े होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आधुनिक विश्व में राजनीति से परहेज करने की कलीसिया की प्रवृत्ति सही
नहीं है। 1957 में लोकतांत्रिक तरीके से कम्यूनिस्ट सरकार के गठन पर अपना दृष्टिकोण व्यक्त
करते हुए उन्होंने कहा कि वे इसलिए सफल हुए क्योंकि वे निर्धनों और समाज के हाशिये पर
रहनेवलों के साथ रहे। सामाजिक कार्य में मास्टर डिग्री प्राप्त धर्मबहन स्मिता ने कहा
कि धर्मसमाजियों को निर्धनों के मन को पढ़ना और सामाजिक मुद्दों पर उनके साथ काम करना
चाहिए। इस प्रकार की संलग्नता लोगों को राजनैतिक गतिविधियाँ करने के लिए उत्प्रेरित करेगी
जिससे नीतियों में परिवर्तन होगा और निर्धनों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि उनका उददेश्य
राजनैतिक क्रांति लाना नहीं लेकिन सुसमाचारी मूल्यों को स्थापित करना है ताकि न्यायी
और शांतिपूर्ण समाज की रचना हो।