वाटिकन सिटीः बुलाहटों के लिये विश्व प्रार्थना दिवस हेतु सन्त पापा का सन्देश प्रकाशित
वाटिकन प्रेस कार्यालय ने मंगलवार को "बुलाहटों के लिये विश्व प्रार्थना दिवस" हेतु सन्त
पापा बेनेडिक्ट 16 वें के सन्देश की प्रकाशना प्रेस के समक्ष कर दी।
द्वितीय
वाटिकन महासभा के बाद से काथलिक कलीसिया, प्रति वर्ष, भले गड़ेरिये येसु को समर्पित रविवार
के दिन, बुलाहटों के लिये विश्व प्रार्थना दिवस मनाती है। इस वर्ष 47 वाँ विश्व प्रार्थना
दिवस है जो 25 अप्रैल को पड़ेगा।
अपने सन्देश में सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें
ने लिखा है कि अपनी बुलाहट के प्रति धर्मसमाजी एवं धर्मसंघी जीवन का चयन करनेवाले पुरोहितों
एवं धर्मबहनों की निष्ठा युवाओं को उदारतापूर्वक प्रभु ख्रीस्त की बुलाहट का प्रत्युत्तर
देने में सहायक सिद्ध होती है।
सन्त पापा ने कहा, "बुलाहटों को प्रोत्साहित करने
हेतु किये जा रहे हमारे प्रयासों की फलप्रदता प्राथमिक रूप से ईश्वर के मुक्त कार्य पर
निर्भर रहती है, तथापि, जैसा कि प्रेरितिक अनुभव दर्शाते हैं, वह बुलाहट प्राप्त पुरोहितों
एवं धर्मसंघियों के वैयक्तिक एवं सामुदायिक साक्ष्य की गहराई से भी सहायता प्राप्त करती
है।"
उन्होंने कहा, "उनका साक्ष्य अन्यों में उदारतापूर्वक ख्रीस्त की बुलाहट
का प्रत्युत्तर देने हेतु इच्छा को जागृत करता है।"
सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें
ने कहा कि प्रभु ख्रीस्त के साथ मैत्री, ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण तथा सहभागिता का
जीवन वे अनिवार्य गुण हैं जो सभी पुरोहितों एवं समर्पित जीवन यापन करनेवाले धर्मसंघियों
में होने चाहिये। उन्होंने कहा कि आज्ञाकारिता, अकिंचनता एवं ब्रहम्चर्य अथवा कौमार्य
की शपथें ग्रहण कर पुरोहित एवं धर्मसंघी मानव जीवन एवं मानव इतिहास में ईश्वर के साक्षी
बनने का प्रण करते हैं तथा इन्हीं शपथों पर ख़रा उतरना उनका प्राथमिक दायित्व होता है।