वाटिकन सिटीः बच्चों का यौन शोषण महापाप, कहना सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें का
वाटिकन में आयरलैण्ड के काथलिक धर्माध्यक्षों के साथ दो दिवसीय बैठक के समापन पर धर्माध्यक्षों
को दिये अपने सन्देश में सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कहा कि बच्चों का यौन शोषण एक
घोर अपराध एवं महापाप है।
आयरलैण्ड के धर्माध्यक्षों के साथ सन्त पापा की मुलाकात
के विषय में मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में वाटिकन के प्रेस प्रवक्ता फादर फेदरीको
लोमबारदी ने कहा कि इस विषय पर सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के विचार पूर्णतः स्पष्ट हैं
कि बच्चों के विरुद्ध किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार एवं उनका यौन शोषण घोर अपराध है
तथा एक महापाप है। उन्होंने कहा कि सन्त पापा अपने कई सन्देशों में कह चुके हैं कि दुराचारी
पुरोहितों के लिये कलीसिया में कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी सहानुभूति उन
सभी बच्चों एवं किशोरों के साथ है जो यौन दुराचार के शिकार बने हैं।
ग़ौरतलब
है कि आयरलैण्ड में बच्चों के विरुद्ध पुरोहितों के दुराचारों के अनेक प्रकरणों के सार्वजनिक
तौर पर सामने आ जाने के बाद सन्त पापा ने, वाटिकन में, आयरलैण्ड के धर्माध्यक्षों की
विशिष्ट बैठक बुलाई थी।
बुधवार को आरम्भ, ख्रीस्तीय चालीसा काल के उपलक्ष्य में
सन्त पापा ने आयरलैण्ड के काथलिकों के नाम एक पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने इस बात
पर बल दिया है कि पुरोहित बनने के इच्छुक व्यक्तियों के चयन में गहन ईशशास्त्रीय चिन्तन
की आवश्यकता है। उनका कहना है कि पौरोहित्य जीवन का चयन करने वालों को बेहतर मानवीय,
आध्यात्मिक, अकादमी एवं प्रेरितिक प्रशिक्षण दिया जाना अनिवार्य है तथा इस प्रकार के
प्रशिक्षण के लिये पूर्णतः योग्य अभ्यर्थियों को ही चुना जाना चाहिये।