2010-02-08 20:36:16

कोलकाता में 17 देशों के पुरोहितों की तीर्थयात्रा


कोलकाता, 8 फरवरी, 2010 सोमवार (उकान)। पुरोहितों को समर्पित वर्ष के उपलक्ष्य में 17 देशों के धर्मप्रांतीय पुरोहित धन्य मदर तेरेसा के विभिन्न धर्मसेवा केन्द्रों का दौरा कर रहे हैं।
उक्त बात की जानकारी देते हुए उकान समाचार ने बताया है कि कोरपुस ख्रीस्ती मूवमेंट के 36 सदस्यीय दल ने तीर्थयात्रा के रूप में उन स्थानों का दौरा आरंभ कर दिया है जहाँ धन्य मदर तेरेसा ने अपना जीवन व्यतीत किया था।
तीर्थयात्रा का आरंभ 2 फरवरी येसु के अर्पण महापर्व के दिन किया गया। 11 फरवरी को लूर्द की माता मरिया के महोत्सव पर तीर्थयात्रा समाप्त हो जायेगी।
इस विषय में तीर्थयात्रा के संयोजक फादर पास्कुवाल सेरभेरा ने उकान समाचार को बताया कि वे चाहते हैं कि धन्य मदर तेरेसा की आध्यात्मिकता से उनके सभी सदस्द प्रभावित हों।
60 वर्षीय स्पेन के फादर पास्कुवाले ने बताया कि सीसीएम के सदस्य धन्य मदर तेरेसा की आध्यात्मिकता से प्रेरणा पाकर जीवन यापन का प्रयास करते हैं। 36 सदस्यीय इस दल में 28 से लेकर 80 साल तक के भी पुरोहित शामिल हैं।
फादर पास्कुवाले ने बताया कि पुरोहितों को 7 दलों में बाँटा गया है और प्रत्येक दिन सातों दल सात विभिन्न समुदायों में भेजा जाता है।
विदित हो कि सीसीएम के संस्थापक फादर पास्कुवाले ही हैं जिन्होंने इस मूवमेंट की स्थापना सन् 1980 में की थी।
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मदर तेरेसा के साथ मिलकर फादर पास्कुवाले ने न्यूयॉर्क में पहले सीसीएम समुदाय का संगठन किया था। अपनी तीर्थयात्रा के बारे में बताते हुए स्पानी फादर पास्कुवाले ने कहा कि मदर तेरेसा द्वारा स्थापित सभी समुदायों में मदर तेरेसा की उपस्थिति का गहरा एहसास होता है।
फादर लेओ मासबुर्ग ने कहा कि तीर्थयात्रा का समय उनके लिये मह्त्त्वपूर्ण है क्योंकि वे अपने पौरोहित्य जीवन और मदर तेरेसा की आध्यात्मिकता पर गहराई से चिन्तन कर पा रहे हैं।
कोलकाता के फादर सुनील रोजारियो ने कहा कि इस तीर्थयात्रा ने उन्हें एक सुनहला अवसर प्रदान किया है कि वे दुःख से पीड़ित मानवता का निकट से अनुभव करें।
उधर मिशनरिस ऑफ चारिटी समाज की प्रवक्ता ने कहा कि तीर्थयात्रियों के आगमन से उनके धर्मसमाज की सिस्टरों को पुरोहितों के जीवन की महानता और पवित्रता को समझने का अवसर मिला है।








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