यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों का एक समूह क्रिसमस 2008 तथा 2009 के ग्रीष्मकाल में ईसाई
विरोधी हिंसा से प्रभावित रहा उड़ीसा राज्य का दौरा कर रहा है। विश्व हिन्दू परिषद के
चरमपंथी हिन्दुओं नें इसका विरोध किया है। यूरोपीय प्रतिनिधिमंडल भारत में है ताकि स्थिति
की जानकारी प्राप्त कर सके लेकिन उनकी उपस्थिति का चरमपंथी हिन्दुओं ने विरोध किया है।
प्रतिनिधिमंडल में हंगरी, पोलैंड, आयरलैंड, इटली, नीदरलैंड, ब्रिटेन. फिनलैंड और स्वीडेन
के सदस्य शामिल हैं जिनके लिए पुलिस द्वारा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी है। गुरूवार
को वे उड़ीसा राज्य के अधिकारियों तथा स्थानीय पुलिस से मुलाकात किये तथा कंधमाल का दौरा
करना निर्धारित था। कटक भुवनेश्वर के महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि स्वार्थी तत्वों की सत्य
पर रूचि नहीं है। उन्हें डर है कि सत्य सामने आ जायेगा और यूरोपीय संघ उड़ीसा में ईसाईयों
पर अत्याचार की समस्या के समाधान पर कुछ करना चाहेगा। वास्तव में कंधमाल में परिस्थिति
अब भी कठिन है, अनेक ख्रीस्तीयों को अब भी गाँव के सीमाने में रहना पड़ रहा है उन्हें
गाँव में रहने के लिए उन्हें अनुमति नहीं है। अनेक लोगों को भय है कि उन्हें बलात हिन्दु
धर्म में धर्मांतरित कर दिया जायेगा क्योंकि कुछ गाँवों में रहने के लिए हिन्दु होने
की जरूरत है। महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि लोग अब भी भय तथा अत्यंत दयनीय परिस्थिति में
जीवन यापन कर रहे हैं। बहुसंख्यक समुदाय द्वारा लोगों को आतंकित करना जारी है यद्यपि
इसकी मात्रा या स्तर पहले की अपेक्षा कम हो गयी है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जो हिंसा
में शामिल थे उनपर अदालती कार्य़वाही जारी है लेकिन साम्प्रदायिक हिंसा के षडयंत्रकारी
जो वास्तव में अपराधी हैं वे अब भी मुक्त हैं।