मैसूरः कर्नाटक में ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हिंसा के विरोध में प्रदर्शन
कर्नाटक राज्य के मैसूर शहर में तीस जनवरी को महात्मा गाँधी की शहादत की पुण्य तिथि के
अवसर पर लगभग दो हज़ार ख्रीस्तीयों ने अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हिंसा को रोकने के लिये
शांतिपूर्ण प्रदर्शन में भाग लिया।
उक्त प्रदर्शन का आयोजन बैंगलोर स्थित ग्लोबल
काऊन्सल ऑफ इन्डियन क्रिस्टियन्स, जी.सी.आई.सी., द्वारा किया गया था जिसकी रिपोर्ट के
अनुसार सन् 2009 में ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों पर 159 आक्रमण हुए जिनमें से 72 हमले कर्नाटक
में हुए।
प्रदर्शन के अवसर पर जी.सी.आई.सी., के अध्यक्ष साजन के. जॉर्ज तथा मैसूर
के काथलिक धर्माध्यक्ष थॉमस वाज़ापिल्ली ने कर्नाटक के राज्यपाल को एक स्मारक पत्र अर्पित
किया जिसमें राज्यपाल महोदय का ध्यान इस बात की ओर आकर्षित कराया गया है कि अल्पसंख्यकों
और, विशेष रूप से, ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों को हिंसा का शिकार बनाया जा रहा है। उन्होंने
लिखा कि ये हमले भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि को क्षति पहुँचाते तथा भारतीय संविधान में
प्रत्याभू नागरिकों के धर्मपालन अधिकारों का अतिक्रमण करते हैं।
कर्नाटक में
सत्तारूढ़ भाजपा नेतृत्व वाली सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने पत्र में लिखा, "हमें
इस बात का खेद है कि वर्तमान राज्य सरकार के सत्ता में आ जाने के बाद से ख्रीस्तीयों
के विरुद्ध हिंसा में वृद्धि हुई है। हाल के माहों में अल्पसंख्यक ख्रीस्तीयों एवं उनके
गिरजाघरों को सुरक्षा का आश्वासन देने के लिये अधिकारियों द्वारा कोई खास कदम नहीं उठाये
गये हैं। ख्रीस्तीयों का प्रत्युत्तर हमेशा शांतिपूर्ण रहा है किन्तु स्थानीय एवं केन्द्रीय
सरकार तथा अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से हम अपेक्षा करते हैं कि वे इस बात को समझकर कि हमारे
विरुद्ध विशिष्ट षड़यंत्र रचा जा रहा है, हमारी मदद को आगे आयें।"
पत्र के अन्त
में कर्नाटक राज्यपाल से उन्होंने मांग की कि ख्रीस्तीयों सहित सभी अल्पसंख्यकों को सुरक्षा
का आश्वासन दिया जाये तथा हिंसक हमलों की जाँचपड़ताल कर अपराधियों को न्यायोचित दण्ड
दिया जाये।
एशिया समाचार से साजन जॉर्ज ने कहा कि महात्मा गाँधी अहिंसा के प्रेरित
थे तथा उनकी स्मृति में उक्त प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि बापू की
शिक्षाओं के बावजूद भारत में लोगों पर धर्म के नाम पर अत्याचार होता है जो सम्पूर्ण देश
के लिये लज्जा का विषय है।