2010-02-01 19:13:18

ग्रैमी में भी 'जय हो' की धूम


लॉस अंजेलस, 1फरवरी, 2010 सोमवार (बी.बी.सी) । ऑस्कर और गोल्डन ग्लोब के बाद स्लमडॉग मिलियनेयर का गाना 'जय हो' ग्रैमी पुरस्कारों में भी छाया रहा।
अमरीका के इस प्रतिष्ठित म्यूज़िक अवॉर्ड में जाने माने संगीतकार ए.आर. रहमान को दो ग्रैमी पुरस्कार मिले । हालाँकि पॉप स्टार बियोंसी को सबसे ज़्यादा छह वर्गों में ग्रैमी पुरस्कार मिले हैं।
रहमान को जय हो के लिए सर्वश्रेष्ठ साउंड ट्रैक और सर्वश्रेष्ठ फ़िल्मी गीत इन दो वर्गों में पुरस्कार मिला है।
ख़ास बात ये रही कि 'बेस्ट मोशन पिक्चर सॉंग' वर्ग में उन्होंने ब्रूस स्प्रिंग्सटन के चर्चित गाने 'द रेसलर' और बियोंसी के 'वन्स इन ए लाइफ़ टाइम' को पीछे छोड़ कर ये सफ़लता हासिल की।
ग्रैमी पुरस्कार जीतने के बाद रहमान ने कहा, ''ये दीवाना बना देने वाली ख़बर है, ऊपर वाला दोबारा मेहरबान हुआ है.'' विदित हो कि ग्रैमी पुरस्कार संगीत की दुनिया में नोबेल पुरस्कारों के समकक्ष माने जाते हैं। ग्रैमी में रैप, रॉक, पॉप और शास्त्रीय संगीत की 109 शैलियों में कलाकारों को पुरस्कृत किया जाता है।
वैसे रहमान के लिए अवॉर्ड कोई नए नहीं हैं। रहमान ने इसके पहले स्लमडॉग मिलियनेयर के संगीत के लिए ऑस्कर पुरस्कार जीतकर इतिहास रचा था। ग़ौरतलब है कि मुंबई की पृष्ठभूमि पर बनी इस फ़िल्म का संगीत अत्यंत लोकप्रिय रहा।
52वें ग्रैमी पुरस्कारों में इस बार भारतीय संगीत की चार जानी-मानी हस्तियों, ऑस्कर विजेता एआर रहमान, उस्ताद ज़ाकिर हुसैन, उस्ताद अमजद अली ख़ान और गीतकार गुलज़ार को नामांकित किया गया था।
उल्लेखनीय है कि 'जय हो' को जाने माने गीतकार गुलज़ार ने लिखा है। अमजद अली ख़ान को उनकी अपने ही एल्बम एंशिएंट साउंड्स के लिए बेहतरीन पारंपरिक विश्व संगीत की श्रेणी में नामांकित किया गया था।
इस एल्बम ‘एंशिएंट साउंड्स’ में उस्ताद अमजद अली ख़ान और इराक़ी-अमरीकन संगीतकार रहीम अलहज पहली बार एक साथ आए हैं।
इस एल्बम में सात गाने हैं जिन्हें खुद अमजद अली ख़ान ने लिखा और स्वरबद्ध किया है।
पिछले वर्ष ग्रैमी पुरस्कार जीत चुके उस्ताद ज़ाकिर हुसैन को उनके एल्बम, 'द मेलडी ऑफ़ रिदम' के लिए बेहतरीन शास्त्रीय क्रॉसओवर एल्बम की श्रेणी में नामांकित किया गया था।









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