परमधर्मपीठीय न्यायिक अदालत के न्यायाधीशों के लिए संत पापा का संदेश
(वाटिकन सिटी 29 जनवरी सेदोक, वाटिकन वेबसाइट)- संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने परमधर्मपीठीय
न्यायिक अदालत के न्यायिक वर्ष के उदघाटन के अवसर पर रोमी कार्यालय की अदालत में कार्य़रत
धर्माधिकारियों और न्यायाधीशों को शुक्रवार को सम्बोधित किया। उन्होंने विवाह शून्यन
के प्रकरणों पर न्यायाधीशों से आग्रह किया कि न्याय और उदारता के झूठे दिखावे के लिए
सत्य की बलि नहीं चढ़ाई जाये। कलीसिया विवाह की अविच्छेदयता को कायम रखने की शिक्षा प्रदान
करती है तथापि विवाह अभिशून्यन के मामले में संत पापा ने कहा कि न केवल साक्ष्यों की
सत्यता के प्रति सतर्क रहें लेकिन उन मामलों का समर्थन करने से बचें जिन्हें अंतकरण की
आवाज पर वस्तुनिष्ठ रूप से खारिज किया जा सकता है। संत पापा ने इस व्यापक मानसिकता की
भर्त्सना की जो न्याय को उदारता के विरूद्ध दर्शाती है, यहाँ तक कि दोनों एक दूसरे को
बहिष्कृत करते हैं। उन्होंने इस भ्रामक मान्यता की भी निन्दा की कि मेषपालीय उदारता विवाह
अभिशून्यन के हर कदम को जायज ठहरा सकती है ताकि अनियमित विवाह की स्थिति में रहनेवाले
की जरूरत पूरी हो सके। ख्रीस्तीय विवाह की अविच्छेदयता पर बल देते हुए संत पापा ने कहा
कि विवाह अभिशून्यन के लिए किसी भी कीमत पर व्यक्तिनिष्ठ माँग को पूरा करना अयथार्थ मेषपालीय
सहायता होगी।