नयी दिल्ली, 25 जनवरी, 2010 (उकान) । ऑस्ट्रेलिया के अंगलिकन धर्माध्यक्ष फिलिप हगिन्स
के उस आह्वान का कि ‘ऑस्ट्रेलियावासी भारतीयों पर आक्रमण करने के लिये पश्चात्ताप करें’
भारतीय की कलीसिया ने स्वागत किया है। धर्माध्यक्ष फिलिप की बातों के प्रत्युत्तर
में सीबीसीआई के प्रवक्ता फादर बाबू जोसेफ ने कहा कि वे ऑस्ट्रेलिया के ‘खेद-भावना’ का
स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि चर्च के लिये यह एक चिंता की विषयवस्तु बन गयी
थी क्यों भारतीय विद्यार्थियों पर लगातार हमले हो रहे थे। विदित हो कि 24 जनवरी शनिवार
को, मेलबोर्न के अंतर्गत पश्चिम और उत्तर प्रांत के लोगों ने संत पौल महागिरजाघर में
एक साथ मिल कर प्रार्थनायें की और कहा कि वे इस बात के लिये क्षमाप्रार्थी है कि उन्होंने
दूसरों संस्कृति और भावनाओं का सम्मान नहीं किया है। धर्माध्यक्ष फिलिप ने प्रार्थना
सभा में कहा कि वे इस बात के लिये भी क्षमाप्रार्थी हैं कि ऑस्ट्रेलियावासियों ने भारतीयों
की वेदनाओं की अनसुनी की और उनकी दर्दभऱी आवाज़ को नज़रअंदाज़ कर दिया। विदित हो कि
ऑस्ट्रेलिया में करीब 97 हज़ार भारतीय विद्यार्थी अपनी पढ़ाई कर रहे हैं और उनमें से
45 हज़ार मेलबार्न में हैं। बाबू जोसफ ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय विद्यार्थियों
पर जो कुछ हुआ है उसे कदापि स्वीकार नहीं किया जा सकता है। विदित हो आये दिन भारतीय विद्यार्थियों
पर आक्रमण के समाचार लगातार आते रहे हैं। 9 जनवरी को 29 वर्षीय जसप्रीत सिंह ने किसी
ने आग लगा दी थी। इसके पहले रंजोध सिंह की हत्या कर दी गयी थी और नितिन गर्ग पर छूरे
से वार किया किया गया था। ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने कहा कि ऐसी घटनायें नस्लवादी हमले
नहीं हैं। उधर ‘दि एशियन एज’ समाचार पत्र ने बताया है कि ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने के
लिये जाने वालों के वीज़ा आवेदन पत्र में भारी गिरावट आयी है। समाचार के अनुसार वीज़ा
आवेदन में सन् 2008 की अपेक्षा 46 प्रतिशत की गिरावट आयी है।