2010-01-22 15:20:53

जीवन के अधिकार की रक्षा नहीं करने पर केन्या के धर्माध्यक्ष संविधान का विरोध करेंगे


अफ्रीकी राष्ट्र केन्या के धर्माध्यक्षों ने घोषणा की है कि वे देश के विधि निर्माताओं द्वारा तैयार किये जा रहे नये संविधान का विरोध करेंगे यदि यह स्पष्ट रूप से गर्भधारण से लेकर प्राकृतिक मृत्यु तक जीवन के अधिकार की रक्षा नहीं करता है। धर्माध्यक्षों द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है कि संविधान जो जीवन की हर अवस्था में रक्षा नहीं करता इसमें त्रुटि है तथा इसे मान्यता नहीं प्रदान करनी चाहिए। धर्माध्यक्षों ने कहा है वे महसूस करते हैं कि कोई भी कानून जो मृत्यु की संस्कृति का समर्थन करता है उसमें वे शामिल नहीं हो सकते हैं। जीवन गर्भधारण के क्षण से आरम्भ होता है तथा प्राकृतिक मृत्यु के साथ समाप्त होता है और इस सत्य से इंकार करने का कोई भी प्रयास गलत और भ्रामक है। ज्ञात हो कि केन्या की आबादी का 25 फीसदी काथलिक हैं जबकि आबादी का लगभग 50 फीसदी प्रोटेस्टंट, 10 फीसदी मुसलमान और10 फीसदी आदि धर्म को माननेवाले हैं।







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