वाटिकन और इस्राएल के रब्बी मुख्यालय द्वारा स्थापित समिति ने पर्य़ावरण और जीवन की पवित्रता
की रक्षा का समर्थन किया
वाटिकन और इस्राएल के रब्बी मुख्यालय द्वारा स्थापित द्विपक्षीय समिति की 9 वीं बैठक
17 से 20 जनवरी तक सम्पन्न हुई। बैठक के अंत में जारी संयुक्त वक्तव्य में पर्यावरण संबंधी
संकट को अनियंत्रित भौतिक और तकनीकि शोषण का परिणाम बताते हुए संकट के समाधान हेतु संगठित
उपाय करने का आह्वान किया गया है। वक्तव्य में कहा गया है कि समाधान केवल तब ही होगा
जब समाज, सृष्टि के पारलौकिक आयाम को मान्यता प्रदान करे। समिति के सदस्यों ने हैती में
आये त्रासदीपूर्ण भूकम्प के पीड़ितों के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त करते हुए भूकम्प
के शिकार हुए लोगों के लिए प्रार्थनाएं अर्पित की हैं। रोम के यहूदी प्रार्थनालय की संत
पापा बेनेडिक्ट 16 वें की भेंट के बारे में वक्तव्य में कहा गया है कि यह दौरा परस्पर
सम्मान का एक और साक्ष्य है। वक्तव्य के अंत में, जनसंहार के दौरान पूर्वी यूरोप में
सामूहिक नरसंहार के स्थलों की पहचान करने के प्रयासों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए धार्मिक
नेताओं से इस शोध को समर्थन देने का आग्रह किया गया है ताकि अतीत की त्रासदियों से सबक
सीखा जा सके, इस प्रकार के अत्याचार की पुनरावृत्ति न हो और सब जगह मानव जीवन की पवित्रता
का सम्मान करते हुए इसकी रक्षा की जा सके।