भारत ने हैती के लिये 50 लाख डॉलर की सहायता राशि दी
नयी दिल्ली, 16 जनवरी, 2010 (बीबीसी)। भूकंप प्रभावित कैरिबियाई देश हैती में राहत कार्यों
के लिए भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 50 लाख अमरीकी डॉलर की सहायता देने की घोषणा
की है। मनमोहन सिंह ने कहा कि ज़रूरत की इस घड़ी में भारत हैती की सरकार और वहाँ
की जनता के साथ है। भारत के प्रधानमंत्री की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा
गया है कि हैती के लोगों के प्रति एकजुटता के रूप में भारत 50 लाख अमरीकी डॉलर की तत्काल
सहायता देने की घोषणा करता है। हैती के प्रधानमंत्री ज्यां मैक्स बेलिरिवे को लिखे
एक पत्र में मनमोहन सिंह ने इस त्रासदी में मृत और घायल लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना
व्यक्त की है। भारत के प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि हैती के लोग इस प्राकृतिक आपदा
से उबर जाएँगे। हैती में भूकंप पीड़ितों के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से राहत
और बचाव कार्य धीरे-धीरे तेज़ हो रहा है। इधर अमरीका के रक्षा अधिकारियों ने घोषणा की
है कि सहायता कार्यों में मदद के लिए सोमवार तक हैती में 10 हज़ार अमरीकी सैनिक पहुँच
जाएंगे। वहाँ मलबे में दबे लोगों को निकालने की पर्याप्त व्यवस्था का अभाव है और
जो लोग निकाले जा चुके हैं वो चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। इस
बीच विकसित देशों के बीच इस बात पर सहमति बन रही है कि हैती के पुनर्निर्माण के लिए एक
अंतरराष्ट्रीय दानदाता सम्मेलन बुलाया जाए. विश्व बैंक ने घोषणा की है कि वह हैती
के पुनर्निर्माण के लिए 10 करोड़ डॉलर की सहायता देगा। कई देशों ने राहत और बचाव दल,
डॉक्टर और दवाइयाँ भेजी हैं। आपात स्थिति के लिए खाद्य सामग्री भी पहुँची हैं। पोर्ट-ओ-प्रिंस
के अंतरराष्ट्रीय विमान तल पर अलग-अलग देशों से राहत सामग्री लेकर विमानों के आने का
सिलसिला जारी है। लेकिन अब अधिकारियों ने अनुरोध किया है कि और विमान न भेजें जाएँ
क्योंकि अब विमानतल पर और विमानों के लिए जगह ही नहीं है। ज्ञात हो मंगलवार को आए
भूकंप ने हैती की राजधानी पोर्ट-ओ-प्रिंस को तहस नहस कर दिया है। वहाँ संसद भवन से लेकर
स्कूल और अस्पताल तक बहुत कुछ ध्वस्त हो गया है। हैती में शांति मिशन का मुख्यालय
ध्वस्त हो चुका है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा उसके 36 कर्मचारियों के मरने की पुष्टि हो
चुकी किन्तु अब भी 188 कर्मचारी लापता हैं।