हरिद्वार में, गुरुवार को, मकर संक्रांति के दिन, पवित्र स्नान के साथ, महाकुंभ मेला
शुरू हो गया। इस अवसर पर देश विदेश के लाखों श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने के लिये
हरिद्वार पहुँचे हैं। बताया जा रहा है कि स्नान के पहले दिन शुक्रवार को ही लगभग ढाई
लाख लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई।
गंगा में डुबकी लगाने के साथ यहां सूर्य
और भगवान शिव की पूजा की जाती है। महाकुंभ मेला हर 12 साल पर लगता है। हिंदू धर्म के
अनुसार देवताओं और आसुरों के बीच हुए युद्ध में 'अमृत' की एक बूंद हरिद्वार में भी गिरी
थी। धार्मिक मान्यता है कि 'अमृत' का कलश समुद्र मंथन के दौरान निकला था।
शुक्रवार,
15 जनवरी को मौनी अमावस्या और सूर्यग्रहण पर कुंभ स्नान किया गया तथा 28 अप्रैल को बैसाख
अधिमास पूर्णिमा स्नान के साथ ही कुंभ मेला समाप्त हो जाएगा।
15 जनवरी से 28 अप्रैल
के बीच की अवधि के दौरान बसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा, महाशिवरात्रि, सोमवती अमावस्या, मेष
सक्रांति-बैसाखी, रामनवमी तथा चैत्र पूर्णिमा के पर्वों पर भी विशिष्ट स्नान विधियाँ
सम्पन्न की जायेंगी।
अनुमान है कि इन अवसरों पर सात करोड़ तीर्थयात्री गंगा स्नान
की पवित्र विधि में शामिल होंगे। सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के लिये भारतीय सरकार ने
34 अतिरिक्त पुलिस स्टेशनों एवं 36 दमकल स्टेशनों का प्रबन्ध किया है। एक लाख बीस हज़ार
तीर्थयात्रियों के लिये तम्बु लगाये गये हैं तथा 40,000 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को
उनकी सेवा के लिये रखा गया है।