2010-01-12 11:54:45

वाटिकन सिटीः "प्रकृति के प्रति सम्मान मानव एवं मानवाधिकारों के प्रति सम्मान से शुरु होता है", बेनेडिक्ट 16 वें


विभिन्न देशों के राजदूतों एवं कूटनैतिक प्रतिनिधियों ने, सोमवार, 11 जनवरी को, वाटिकन में काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना।
अपने सन्देश में सन्त पापा ने इस तथ्य पर बल दिया कि प्रकृति के प्रति सम्मान मानव एवं मानवाधिकारों के प्रति सम्मान से शुरु होता है। उन्होंने कहा कि सृष्टि के प्रति सम्मान हमारा नैतिक दायित्व है क्योंकि सृष्टि, मानव के कल्याण के लिये, ईश्वरीय प्रेम से प्रस्फुटित योजना है।
विश्व के 178 देशों के राजदूतों एवं कूटनैतिक प्रतिनिधियों को दिये अपने सन्देश में सन्त पापा ने जलवायु परिवर्तन पर विश्व नेताओं के बीच कोई सहमति न बन पाने पर खेद व्यक्त किया और चेतावनी दी कि यदि स्वार्थ का परित्याग नहीं किया गया तथा प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के ठोस उपाय नहीं किये गये तो मानवजाति का भविष्य अन्धकारपूर्ण बन जायेगा।
दिसम्बर माह में कोपेनहागेन सम्मेलन की विफलता के लिये सन्त पापा ने किसी देश का नाम नहीं लिया किन्तु इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि ऊँचे होते समुद्र जल स्तर के कारण अनेक द्वीप देश जलमग्न हो सकते है। अफ्रीका में प्राकृतिक संसाधनों की लड़ाई नित्य जारी है, सर्वत्र निर्वनीकरण और मरूस्थलीकरण के कारण प्राकृतिक प्रजातियाँ विलुप्त हो रही हैं, अफ़गानिस्तान एवं कोलोम्बिया जैसे देशों में मादक पदार्थों की उपज के लिये विशाल कृषि भूमि का शोषण तथा उसके लिये झगड़े जारी हैं जो मानवजाति की उत्तरजीविता को ख़तरे में डाल रही है।
सन्त पापा ने कहा, "शान्ति निर्माण के लिये सृष्टि की रक्षा अनिवार्य है।" उन्होंने कहा कि जिस स्वार्थगत एवं भौतिकतावादी मानसिकता के कारण विश्व को आर्थिक मन्दी का ख़ौफ़नाक दृश्य देखना पडा वही मानसिकता प्रकृति पर भी प्रहार कर रही है और इसका सामना करने के लिये हमें नई जीवन शैली, नई मानसिकता अपनानी होगी। ऐसी मानसिकता जिसमें मानव जीवन एवं मानवाधिकारों के प्रति सम्मान समाहित हो।
अपने कथन को स्पष्ट करने के लिये सन्त पापा ने भूतपूर्व सोवियत संघ के भौतिकतावादी एवं नास्तिकतावादी शासन काल एवं उसके पतन का स्मरण कराया और कहा, "ईश्वर से इनकार मानव स्वतंत्रता को भ्रष्ट कर देता और साथ ही सृष्टि के विनाश का कारण बनता है।"








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