2010-01-11 14:44:47

हिंसा समस्याओं का समाधान नहीं – संत पापा


वाटिकन सिटी, 11 जनवरी, 2010 (ज़ेनित) । ईसाइयों के महाधर्मगुरु संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा है कि हिंसा समस्या का समाधान कदापि नहीं हो सकता है।

संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब वे रविवारीय देवदूत प्रार्थना के लिये संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में एकत्रित लोगो को संबोधित कर रहे थे।

संत पापा ने बिना किसी देश का नाम की चर्चा किये कहा हाल के दिनों में दो समुदाय के लोग हिंसा के शिकार हुए हैं। एक ओर तो प्रवासी जो दूसरे देशों में रह कर वहाँ के लोगों को विभिन्न सेवायें प्रदान करते हैं और दूसरे दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले ईसाई जिन्हें हिंसात्मक विरोध का सामना पड़ा है।

संत पापा ने कहा कि समस्या के समाधान के लिये हमें समस्या को बारीकी से समझने की आवश्यकता है। सबसे पहले इस बात को जानने की ज़रूरत है कि मानव का क्या अर्थ है।

हम सभी मानव हैं और प्रवासी भी एक मानव हैं जिन्हें मानव होने का पूरा सम्मान दिया जाना चाहिये यद्यपि उनकी परंपरा, संस्कार और रंग-रूप भिन्न है। उन्हें सम्मान देना हमारा अधिकार और कर्तव्य दोनों ही है। श्रम के मामले में यह आम मालिकों को यह प्रलोभन होता है कि वे काम के बहाने श्रमिक भरपुर शोषण करें।

संत पापा ने लोगों को आमंत्रित करते हुए कहा आज इस बात की ज़रूरत है कि मानव दूसरे मानव के चेहरे में ईश्वर को देखे। वह इस बात को समझे कि ईश्वर उन्हें भी वैसा ही प्यार करता है जैसा कि वह उसे प्यार करते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि ईसाई विरोधी हिंसात्मक आक्रमण विश्व के लिये चिंता का विषय बन हैं क्योंकि ऐसे आक्रमणों के लिये उस काल चुना जाता है जो ईसाइयों के लिये पवित्रतम काल है।

आज ज़रूरत है राजनीतिक और धार्मिक दोनों स्तर से इसके समाधान के प्रयास किये जायें। ईश्वर के नाम पर हिंसा किसी भी अर्थ में तर्कसंगत नहीं है। हम यह सोचें कि दूसरों की गरिमा और स्वतंत्रता को को ठेस पहुँचाने से ईश्वर को प्रसन्न होंगे।

ज्ञात हो कि गुरुवार 7 जनवरी को इटली के कलाब्रिया प्रांत के रोजारनो में अफ्रीकी प्रवासियों और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हो गयी थी जिसमें कुछ अफ्रीकी लोगों पर गोलियाँ चलायीं गयीं।

बाद में अफ्रीकियों ने अस्पष्टीकृत गोली चालन के विरोध में एक रैली निकाली थी। ज्ञात हो कि पिछले कुछ दिनों हो रहे तनाव के बीच सरकार ने कृषि कार्यों में लगे 1300 लोगों को शहर से बाहर निकाल दिया था।









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