शांति और मानव मर्यादा की रक्षा के लिये चर्च सदैव तत्पर- संत पापा
वाटिकन सिटी, 11 जनवरी, 2010। संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने नई जलवायु परिवर्तन
संधि पर सहमत नहीं होने के लिये विश्व नेताओं की निंदा की है। संत पापा ने बल देकर कहा
कि प्रकृति की रक्षा पर ही विश्व शांति निर्भर करती है। संत पापा ने यह वक्तव्य उस
समय दिया जब उन्होंने सोमवार 11 जनवरी को नये वर्ष के उपलक्ष्य में वाटिकन के लिये नियुक्त
विभिन्न राष्ट्रों के राजदूतों को अपना परंपरागत संदेश दिया। उन्होंने इस बात की
आलोचना की कि कुछ राष्ट्रों के ' राजनीतिक प्रतिरोध ' के कारण विगत माह संपन्न कोपेनहेगेन
का जलवायु परिवर्तन सम्मेलन बिना किसी ठोस सहमति के समाप्त हो गया था। संत पापा ने यह
आशा भी व्यक्त की है कि इस विषय पर भावी विचार विमर्श फलप्रद सिद्ध होंगे। संत पापा
ने कहा कि पूरे विश्व में इतना अन्न है कि कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रह सकता है पर कुछ
लोगों के स्वार्थपूर्ण रवैये और ज़माखोरी के कारण अन्न की समस्या हो जाती है। संत
पापा ने इस बात के लिये संतुष्टि ज़ाहिर की है कई राष्ट्रों के साथ उनका संबंध सौहार्दपूर्ण
है। उन्होंने कहा काथलिक कलीसिया शांति और मानव की मर्यादा की रक्षा के लिये किसी भी
राष्ट्र के साथ मिलकर कार्य करे। उन्होंने राजदूतों और सरकारी अधिकारियों को इस बात
के लिये प्रोत्साहन दिया कि वहे न्याय सहयोग और दूरदर्शिता के साथ लोगों की सेवा करें।