कारवार धर्मप्रांत के 115 पुरोहित येरुसालेम की तीर्थयात्रा पर
नयी दिल्ली, 11 जनवरी, 2010 (एशियान्यूज़) कर्नाटक के कारवार धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष
डेरेक फर्नान्डज़ ने पुरोहितों को पवित्र भूमि येरुसालेम की तीर्थयात्रा के लिये आमंत्रित
किया है।
धर्माध्यक्ष डेरेक ने एशियान्यूज़ को बताया कि येरुसालेम की तीर्थयात्रा
पर जाने से पुरोहितों की आध्यात्मिक रूप से सुदृढ़ होंगे और लोगों की सेवा निष्ठापूर्वक
कर पायेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि येरुसालेम की पवित्र भूमि, जहाँ ईसाई धर्म
का जन्म हुआ पुरोहितों के जीवन को नवीन करेगा और पुरोहितीय बुलाहट मजबूत होगा।
धर्माध्यक्ष
डेरेक ने इस बात की जानकारी दी है कि पूरे धर्मप्रांत के 125 पुरोहितों में 115 पुरोहित
इस पवित्र तीर्थयात्रा में सहभागी होंगे।
ज्ञात होकि संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें
ने वर्ष 2009-10 को पुरोहितों का वर्ष घोषित किया है। यह वर्ष पुरोहितों के संरक्षक संत
जोन मेरी वियन्नी की मृत्यु का 150 वर्षगाँठ है।
धर्माध्यक्ष डेरेक का मानना
है कि उन पवित्र स्थानों में जहाँ येसु मसीह ने अपने कदम रखे, के व्यक्तिगत दर्शन से
अवश्य ही पुरोहितों का आध्यात्मिक नवीनीकरण होगा।
धर्मप्रांत की अन्य योजनाओं
के बारे में बताते हुए कि उनका निर्देश है कि पुरोहित इस साल पापस्वीकार संस्कार के लिये
ज्यादा समय दें ताकि लोग ईश्वरीय शांति प्राप्त कर सकें।
इसके साथ रविवारीय
यूखरिस्तीय बलिदान के पूर्व प्रातःकालीन प्रार्थना अवश्य ही सम्पन्न किया जाये। उन्होंने
फिर कहा कि ' अडोरेशन चैपल ' बनायें जायें जो लोगों की व्यक्तिगत प्रार्थना के लिये
उपलब्ध हो। 1 जनवरी को कुमता के संत जोन बपतिस्ता पल्ली में एक एक ' आडोरेशन चैपल '
का उद्धाटन हो चुका है। उन्होंने आशा व्यक्त की है इससे लोगों का विश्वास मजबूत होगा।