वाटिकन सिटीः मिशनरियों की हत्या की उपेक्षा करने वाले मीडिया की लोस्सरवात्तोरे रोमानो
ने निन्दा की
वाटिकन के समाचार पत्र लोस्सरवात्तोरे रोमानो ने मिशनरियों की हत्या की उपेक्षा करने
के लिये मीडिया की कड़ी निन्दा की है। चार जनवरी को समाचार पत्र के मुख पृष्ट पर प्रकाशित
अभिलेख में कहा गया कि मीडिया की रुचि केवल चटपटी ख़बरों में रहती है समाज की यथार्थ
घटनाओं में नहीं।
"यथार्थ कलीसिया जिसके विषय में समाचार पत्र मौन" शीर्षक से
प्रकाशित लेख में स्मरण दिलाया गया कि सन् 2009 में विश्व में 37 काथलिक मिशनरियों की
हत्या की गई किन्तु समाचार पत्रों में इनकी कोई चर्चा नहीं की गई। यह संख्या सन् 2008
के मुकाबले दुगुनी है। प्रश्न किया गया कि क्यों मीडिया जगत ने फीदेस मिशनरी प्रेस संस्था
की इस रिपोर्ट को नज़र अन्दाज़ कर दिया?
इस प्रश्न का उत्तर देते हुए पत्रकार
लूचेत्ता स्काराफिया ने कहा कि मीडिया की रुचि कलीसिया की बदनामी में अधिक रहती है इसीलिये
पुरोहितों के दुराचार, कलीसिया के धर्माधिकारियों की सत्ता आदि की ख़बरों पर उसका ध्यान
जाता है कलीसिया की उदारता एवं उसके बलिदान पर नहीं।
उन्होंने लिखा कि कलीसिया
को मीडिया हमेशा एक धनाढ्य और शक्तिशाली संस्था के रूप में प्रस्तुत करता रहा है। इसके
अतिरिक्त उसने कलीसिया को एक ऐसी वृद्ध और कठोर संस्था बताकर उसकी अपकीर्ति की है जो
आधुनिक विश्व के साथ कदम मिलाने में असमर्थ है तथा रचनात्मक परिवर्तन नहीं चाहती।
स्काराफिया
ने कहा कि विगत दशक में कभी भी इतने अधिक काथलिक मिशनरियों की हत्या नहीं की गई थी जितनी
सन् 2009 में हुई किन्तु कलीसिया के प्रति अपनी पूर्वधारणाओं एवं नकारात्मक विचारधारा
के कारण मीडिया इस समाचार पर मौन रहा है। उन्होंने कहा कि 37 काथलिक मिशनरियों की हत्या
की पुष्टि हुई है किन्तु संख्या इससे भी अधिक हो सकती है क्योंकि दूरदराज़ के क्षेत्रों
में की गई हत्याओं की ख़बर बहुत बाद में मिलती है।
उन्होंने कहा कि यह अति शर्मनाक
बात है कि मीडिया उन स्त्री पुरुषों की अवहेलना कर देता है जो अपना सर्वस्व मानव के उत्थान
के लिये समर्पित कर देते हैं तथा ख़तरनाक परिस्थियों में भी निःस्वार्थ भाव से मानव सेवा
में जुटे रहते और कभी कभी अपनो प्राणों का भी बलिदान कर देते हैं।