2010 में संत पापा की चार अंतरराष्ट्रीय प्रेरितिक यात्रायें
रोम, 4 दिसंबर, 2010 (जे़नित) - संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें नये वर्ष 2010 में चार अन्तरराष्ट्रीय
प्रेरितिक यात्रायें करेंगे। जे़नित समाचार के अनुसार 83 वर्षीय संत पापा के पाँच वर्षीय
कार्यकाल का, यह साल अत्यधिक व्यस्त समय होगा।
प्रकाशित कार्यक्रम के अनुसार
वे सबसे पहले माल्टा की यात्रा करेंगे और बाद में पुर्तगाल, साइप्रस और इंगलैंड जायेंगे।
मध्य पूर्व के धर्माध्यक्षों के लिये आयोजित महासभा की भी संत पापा अध्यक्षता करेंगे।
वाटिकन समाचार सूत्रों के अनुसार इटली में भी संत पापा के कई महत्त्वपूर्ण क्रियाकलापों
में भाग लेने की संभावना है। उनमें सबसे महत्त्वपूर्ण है ट्यूरिन में आयोजित महोत्सव।
ज्ञात हो कि ट्यूरिन में येसु का ' श्राउड ' अर्थात उनके कफन का अवशेष सुरक्षित रखा गया
है।
वाटिकन सूत्रों के अनुसार यह प्रबल संभावना व्यक्त की जा रही है कि संत पापा
जोन पौल द्वितीय को इसी वर्ष धन्य घोषित किया जायेगा।
इन सभी समारोहों के अलावा
संत पापा चाहते हैं कि अपनी किताब ' जीसस ऑफ नाज़रेथ ' के दूसरे भाग को पूरा कर उसे प्रकाशित
करें। इसके अतिरिक्त, वे चाहते हैं कि सन् 2008 में ' ईशवचन ' पर जो महासभा सम्पन्न
हुई थी उसके अंतिम रूप को स्वीकृति देकर उसका विमोचन करें। नये वर्ष के लिये संत
पापा ने जो प्राथमिकता लोगों के सामने रखीं है वे हैं अंतरकलीसियाई एकता और अंतरधार्मिक
वार्ता, विशेषकर मुसलमान और यहूदियों के साथ।
विदित हो कि संत पापा 17 जनवरी
को रोम में अवस्थित यहूदियों के प्रार्थनालय ' सिनागोग ' जायेंगे। साइप्रस में संत पापा
की यात्रा 4 से 6 जून तक निश्चित की गयी है।
आशा की जा रही है कि इस यात्रा से
काथलिक कलीसिया और ऑरथोडॉक्स कलीसिया, एक दूसरे के ,और करीब आ पायेंगी।
ज्ञात
हो कि साइप्रस की ऑरथोडॉक्स कलीसिया के क्रिसोस्तम द्वितीय के धर्माधिपति बनाये जाने
के बाद इस कलीसिया ने अंतरधार्मिक और अंतरकलीसियाई वार्ता के क्षेत्र में अनेक पहलें
की हैं, विशेष रूप से, मुसलमानों के साथ।
संत पापा माल्टा की यात्रा अप्रैल माह
में करेंगे। वहाँ की कलीसिया इस वर्ष संत पौल के पोतभंग की 1950वीं वर्षगाँठ मना रही
है। मई महीने में सन्त पापा की पुर्तगाल यात्रा तय है।
कार्यक्रम के अनुसार संत
पापा 17 से 19 सितंबर तक इंगलैंड में रहेंगे, जहाँ उम्मीद की जा रही है कि वे प्रसिद्ध
बुद्धिजीवी कार्डिनल जोन हेनरी न्यूमन को धन्य घोषित करेंगे।
इन सभी कार्यक्रमों
के साथ इस बात की घोषणा पहले ही की जा चुकी है पुरोहितों के वर्ष के उपलक्ष्य में रोम
में आयोजित समापन समारोह की अध्यक्षता भी संत पापा ही करेंगे।