कानून बिना पूर्वाग्रह के लागू किया हो - सांगलियाना
मुम्बई, 31 दिसंबर, 2009 (एशियान्यूज़)। कानून तब ही प्रभावकारी हो सकता है जब इसे बिना
पूर्वाग्रह के लागू किया जाये। उक्त बातें राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष एच.टी.
सांगलियाना ने उस समय कहा जब उन्होंने 29 दिसंबर को एशियान्यूज के संवाददाता निर्मला
कारभलहो को एक भेंटवार्ता दी।
उन्होंने कहा कि कानून के पहरेदार ही उस समय
चुप रह जाते हैं जब उन्हें अल्पसंख्यकों को कानूनी सहायता देने की ज़िम्मेदारी निभाने
की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कई बार तो ये उन्हें बचाने में भी अपनी भूमिका अदा करते
हैं जो कानून का तोड़ते हैं।
ज्ञात हो कि एच. टी. सांगलियाना 36 सालों तक
इंडियन पुलिस सर्विस में कार्यरत थे और लोग उन्हें ' सुपरकोप ' के नाम से याद करते हैं।
यह भी विदित हो कि वे सन् 2004 के लोक सभा चुनाव में बीजेपी की टिकट से जीत
कर सांसद बने थे। उन्हें कहा कि उन्होंने सदा ही जाति, भाषा, धर्म और लिंग की भावना से
ऊपर उठकर कार्य किया है।
उन्होंने बताया कि उनकी कर्त्तव्यनिष्ठा और निष्पक्ष
कार्यशैली पर तीन वृतचित्र बनाये गये हैं। ईसाइयों पर कुछ अतिवादी हिन्दुओं के द्वारा
आक्रमण के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि देश में अधिकतर हिन्दु शांति और सद्भावना
चाहते हैं।
अतिवादियों का भय है कि 2 प्रतिशत ईसाइयों में 85 प्रतिशत भारतीयों
के धर्मपरिवर्तन कराने की क्षमता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई ईसाई जबरदस्त धर्मपरिवर्तन
कराता है तो उसे कानून सिद्ध करे और सजा दे।
उन्होंने आगे कहा कि यदि धर्मपरिवर्तन
का आरोप सिद्ध न हो तो उन व्यक्तियों को सजा मिलनी चाहिये जिन्होंने बलात् धर्मपरिवर्तन
का आरोप लगाया हो। उन्होंने यह भी कहा अगर पुलिसकर्मी अतिवादियों के भय से उनका साथ
देने लगते हैं तो यह पूरे भारत के लिये के लिये खतरे की घंटी है।