पाँच वर्ष पूर्व आये सूनामी तूफान से पीड़ित तमिल नाड के लोग अभी भी विभिन्न कठिनाइयों
का सामना कर रहे हैं। सूनामी पीड़ितों के पक्ष में काम करनेवाले काथलिक पुरोहित एवं
वकील फादर पी. ए. सान्ताराम ने एशिया समाचार को बताया कि सूनामी के पाँच वर्ष बाद भी
आवास निर्माण योजना अधर में अटकी है, लोगों को राहत सहायता पहुँचानेवाली एजेन्सियाँ लौट
चुकी हैं तथा समुद्री तटों पर निवास करनेवाले मछियारे प्रतिदिन ख़तरों का सामना कर रहे
हैं। फादर ने कहा कि सूनामी प्रकोप के परिणामस्वरूप लोग और, विशेष रूप से, महिलाएँ
एवं बच्चे अभी भी मानसिक विकारों से घिरे हैं। उन्होंने कहा कि सैकड़ों महिलाएँ विधवाएँ
हो गई हैं और कई बच्चे अनाथ हो गये हैं तथा सरकारी एवं अन्तरराष्ट्रीय सहायता के बावजूद
अपने पैरों पर खड़े नहीं हो सके हैं। उन्होंने कहा कि सूनामी पीड़ितों से पाँच वर्ष पूर्व
सहायता की कई प्रतिज्ञाएँ की गई थीं जो अब तक पूरी नहीं की गई हैं। उनके लिये न तो आवास
का और न ही जीविका का इन्तज़ाम हो सका है। फादर ने बतौर वकील तमिल नाड के चालीस सूनामी
पीड़ित गाँवों का दौरा करने के बाद अपनी रिपोर्ट प्रकाशित कर लोगों की व्यथा के प्रति
सरकार एवं अन्तरराष्ट्रीय लोकोपकारी संस्थाओं का ध्यान आकर्षित करना चाहा है।