2009-12-26 13:17:36

वाटिकन सिटीः शहीद सन्त स्टीफन के पर्व पर देवदूत प्रार्थना से पूर्व दिया गया सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें का सन्देश


श्रोताओ, 26 दिसम्बर को कलीसिया शहीद सन्त स्टीफन का पर्व मनाती है इस उपलक्ष्य में, शनिवार को, सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्र तीर्थयात्रियों के साथ देवदूत प्रार्थना के पाठ से पूर्व सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने भक्तों को इस प्रकार सम्बोधित कियाः

"अति प्रिय भाइयो एवं बहनो,

आश्चर्य भरे दिल से, बेथलेहेम की गुफा के प्रकाश से ओत् प्रोत् होकर जहाँ मरियम, योसफ एवं चरवाहों के साथ मिलकर हमने शिशु येसु का आराधना की वहीं आज हम ख्रीस्तीय धर्म के प्रथम शहीद सन्त स्टीफन की स्मृति मनाते हैं। उनका उदाहरण हमें और अधिक गहराई के साथ ख्रीस्तजयन्ती के रहस्य में प्रवेश करने की शक्ति देता तथा उस शिशु के जन्म की राजसी भव्यता का साक्ष्य प्रदान करता है जिसमें मनुष्यों के मुक्ति देनेवाली ईश कृपा प्रकट हुई। वास्तव में, चरनी में लेटा बालक मानव बना ईश्वर है जो हमसे सुसमाचार के साक्षी बनने का आग्रह करता है ठीक उसी प्रकार जैसे सन्त स्टीफन ने प्रभु के प्रति अपने प्रेम के कारण किया तथा अपने प्रभु एवं स्वामी की तरह ही अपने आततायियों को क्षमा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिये। सन्त स्टीफन का साक्ष्य यह समझने में हमारी मदद करता है कि किस प्रकार ईश पुत्र के विश्व में आगमन ने एक नई सभ्यता को जन्म दिया, उस प्रेम की सभ्यता को जो बुराई एवं हिंसा के आगे नहीं झुकती तथा मनुष्यों के बीच विद्यमान दीवारों को ध्वस्त कर उन्हें ईश सन्तानों के महान परिवार में भाई बहन बना देती है।

स्टीफन कलीसिया के प्रथम याजक भी हैं जो ख्रीस्त के प्रेम के ख़ातिर निर्धनों के सेवक बने तथा ख्रीस्त के पद चिन्हों पर चलकर जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी। ख्रीस्तीय शहीदों की तरह ही सन्त स्टीफन की शहादत, प्रायः विभ्रान्त, हमारे युग के लोगों का दिशा निर्देशन करती है कि जीवन को साकार बनाने के लिये उन्हें किसपर भरोसा रखना चाहिये। शहीद वह है जो भली प्रकार इस बात को जानता है कि ईश्वर के ख़ातिर उसे प्राण तक न्यौछावर करना पड़ सकता है तथा ख्रीस्त प्रेम के आगे किसी को भी न रखकर जो जानता है कि उसने बेहतर रास्ता चुना है। ख्रीस्त की मृत्यु के साथ एक होकर वह इस बात के प्रति सचेत रहता है कि उसका जीवन वह उर्वरक बीज है जिससे विश्व में शान्ति एवं आशा के रास्ते खुलेंगे। आज सन्त स्टीफन को आदर्श स्वरूप प्रस्तुत करते हुए कलीसिया हमें निर्धनों के प्रति प्रेम प्रदर्शित करने तथा सुसमाचार के अनुकूल ईश राज्य के विश्वसनीय साक्षी बनने हेतु आमंत्रित करती है।

सन्त स्टीफन का पर्व, विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में अपने विश्वास के ख़ातिर, प्रताड़ित लोगों का हमें स्मरण दिलाता है। अपने जीवन का केन्द्र हम प्रभु येसु को बनाये तथा गऊशाले की विनम्रता एवं सादगी पर मनन कर अपनी ख्रीस्तीय बुलाहट को साकार करें। अपने इन मनोरथों को हम, मुक्तिदाता का माता, शहीदों एवं धर्मगवाहों का रानी माँ मरियम की मध्यस्थता के सिपुर्द करें।"

इतना कहकर सन्त पापा ने उपस्थित भक्तों को अपनी प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।










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