रोमः वाटिकन प्रतिनिधि ने यूरोपीय सुरक्षा दल को आप्रवासियों पर आलोकित किया
वाटिकन में राज्यों के साथ सम्बन्ध रखनेवाले कार्यालय के सचिव महाधर्माध्यक्ष दोमिनिक
मामबेरती ने विगत सप्ताह रोम में यूरोपीय सुरक्षा एवं सहयोग समिति "ओशे" के यूरोपीय मंत्रियों
की 17 वीं बैठक को सम्बोधित कर आप्रवासियों की समस्याओं पर प्रकाश डाला।
उन्होंने
यूरोपीय सुरक्षा मंत्रियों एवं प्रतिनिधियों को स्मरण दिलाया कि आप्रवासी केवल आर्थिक
अथवा राजनैतिक बल नहीं हैं बल्कि मानव व्यक्ति हैं जिनकी प्रतिष्ठा का सम्मान अनिवार्य
है।
आगामी वर्षों के लिये "ओशे" की आप्रवास नीतियों के सन्दर्भ में वाटिकन के
प्रतिनिधि महाधर्माध्यक्ष मामबेरती ने आप्रवास नीतियों एवं सुरक्षा के बीच सम्बन्ध के
महत्व को रेखांकित किया।
इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए कि विश्व में
लगभग बीस करोड़ आप्रवासी हैं उन्होंने चिन्ता व्यक्त की कि आप्रवासियों के प्रति मीडिया
द्वारा उकसाये गये नकारात्मक विचारों एवं समाज में व्याप्त व्यर्थ की शंकाओं के कारण
प्रायः मेज़बान देश आप्रवासियों का स्वागत नहीं करते तथा उनके एकीकरण को भूल जाते हैं।
महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि आप्रवासियों की केवल आर्थिक भूमिका को ही न देखा जाये
बल्कि उनके साथ मानवीय व्यवहार पर भी चिन्तन किया जाये। उन्होंने कहा कि सरकारों का दायित्व
है कि वे आप्रवासियों के मानवाधिकारों का सम्मान करें तथा उन्हें द्वितीय श्रेणी के नागरिक
न मानकर समाज की मुख्य धारा से उन्हें पूर्णतः जोड़ने का प्रयास करें।