वाटिकन सिटी, 3 दिसंबर, 2009। संत पापा ने कहा है हम ईश्वर की दया पर पूर्ण विश्वास
के साथ मेल-मिलाप संस्कार ग्रहण करें।
संत पापा ने उक्त बातें उसं समय कहीं जब
उन्होंने 2 दिसंबर को बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पेत्रुस महागिरजाघर के
प्राँगण में एकत्रित विश्वासियों और तीर्थयात्रियों को संबोधित किया।
संत पापा
ने पोप जोन पौल द्वितीय के पापस्वीकार संबंधी प्रेरितिक प्रोत्साहन दस्तावेज़ ' रेकोनसिलियातो
एत पएनेतेनसिया ' के 25वें वर्षगाँठ के अवसर पर लोगों का ध्यान मेल-मिलाप संस्कार की
ओर खींचते हुए कहा कि पापस्वीकार संस्कार का कलीसियाई जीवन में बहुत महत्त्व है।
उन्होंने
कहा कलीसिया में कई संतों और महात्माओं ने इस संस्कार के महत्त्व को भली-भाँति समझा था
जिनमें संत जोन मेरी वियन्नी सबसे प्रमुख है।
इनके साथ जोसेफ कफास्सो, लेओपोलड
मानडिक और पियेतरेलचिना ने भी पापस्वीकार संस्कार के द्वारा लोगों को ईश्वरीय प्रेम को
बाँटने का अथक प्रयास किया।
ज्ञात हो कि संत पापा के प्रभाषण को सुनने के लिये
बड़ी संख्या में युवा, बीमार और नवदम्पति शामिल थे।
युवाओं को संबोधित करते हुए
संत पापा ने कहा कि वे युवा इन संतों से प्रेरणा प्राप्त करेंगे और उदारता पूर्वक अपने
जीवन को ईश्वर और पड़ोसियों की सेवा में सौंप देंगे।
बीमारों को बोलते हुए उन्होंने
कहा कि पापस्वीकार संस्कार उन्हें इस बात को समझने में मदद दे कि क्रूसित येसु उनसे कितना
प्यार करते हैं।
नवदम्पतियो से संत पापा ने कहा कि वे एक आदर्श ख्रीस्तीय परिवार
बसायें जिसमें विश्वास, आपसी प्रेम और समझदारी हो।
इस अवसर पर संत पापा ने सबों
को विशेष करके पुरोहितों को आमंत्रित किया कि वे पापस्वीकार संस्कार ग्रहण करें।