सरकार सेमिनरी का जमीन वापस कर दे – धर्माध्यक्ष पियेरे
बैंकॉक, 1 दिसंबर, 2009। वियेतनाम के दा लात के धर्माध्यक्ष पियेरे गुयेने वान न्होन
ने सरकार से आग्रह किया है कि वह जेस्विटों द्वारा निर्मित सेमिनरी को वापस कर दें। ज्ञात
हो सन् 1980 में सरकार ने संत पीयुस दसवें सेमिनरी को अपने कब्जे़ में ले लिया था। वियेतनाम
धर्माध्यक्षीय समिति के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष पियेरे ने कहा कि दा लात शहर में पुरोहितों
के प्रशिक्षण के लिये एक सेमिनरी की सख़्त ज़रूरत है अतः सरकार करीब 80 वर्गमीटर सम्पति
को वापस कर दे। धर्माध्यक्ष ने उक्त बातें उस समय कहीं जब वे 26 नवम्बर को एक साक्षात्कार
दिया था। 71 वर्षीय धर्माध्यक्ष ने कहा कि सन् 1964 ईस्वी में विदेशी जेस्विटों ने एक
सेमिनरी का निर्माण कराया था। जब साम्यवादी ताकतें एक हो गयी और सभी विदेशियों को
सरकार ने देश छोड़ने के लिये बाध्य किया तब सेमिनरी को जप्त कर लिया था। ज्ञात हो
कि स्थानीय कलीसिया ने सरकार से सन् 1993 में अपील की थी कि वह चर्च की सम्पति को लौटा
दे पर सरकार ने इसे अस्वीकार कर दिया था। धर्माध्यक्ष नियोन ने 22 नवम्बर, सन् 2008
को फिर से अपील की और निवेदन किया कि सेमिनरी की संपति में निर्माणाधीन पार्क योजना को
रोका जाये। सरकार ने अपने जवाब में कहा कि स्थानीय कलीसिया को सरकारी योजनाओं का
समर्थन करना चाहिये। इस वर्ष धर्माध्यक्ष नियोन ने 2 नवम्बर को और प्रधानमंत्री को
एक पत्र लिखे और निवेदन किया की उनकी माँग पर ध्यान दिया जाये। पर इस पर कोई ठोस कदम
नहीं उठाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री से इस बात के लिये अपील करते
रहेंगे कि उन्हें उनकी सम्पति वापस कर दी जाये। धर्माध्यक्ष ने कहा वे सरकार की उस
आदेश की सराहना करते हैं जिसके अन्तर्गत इसने देश के 7 सेमिनरियों में नये प्रशिक्षुओं
के नामांकन की अनुमति दी है। ज्ञात हो कि वियेतनाम की कलीसिया ने दो और ज़मीन को
लौटाने की अपील की थी जिसमें से सेंट्रल हू महाधर्मप्रांत में अवस्थित माता मरिया का
राष्ट्रीय तीर्थस्थल को लौटा दिया गया । किन्तु हनोई के महाधर्माध्यक्ष निवास के पास
के जमीन पर एक सार्वजनिक पार्क का निर्माण कर दिया।