2009-12-01 12:54:23

' ईश्वरीय प्रेम ' की डायरी लिखें - संत पापा


वाटिकन सिटी, 1 दिसंबर, 2009। संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा है कि आगमन का समय इस बात को मनन करने का समय है कि ईश्वर कैसे हमसे मुलाका़त करते है।
उन्होंने उक्त बातें उस समय कहीं जब वे शनिवार 28 नवम्बर को आयोजित एक सान्ध्य प्रार्थना सभा मे प्रवचन दे रहे थे।
ज्ञात हो कि पिछले रविवार 29 नवम्बर से काथलिक पूजन विधि का नया वर्ष आरंभ हो गया है और पूरी कलीसिया आगमन के पावन काल में प्रवेश कर गयी है।
अपने प्रवचन में संत पापा ने आगमन के शाब्दिक अर्थ पर अपना चिन्तन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि आगमन शब्द लैटिन के ' अडभेन्टिस ' शब्द से लिया गया है।
' एडभेन्तुस ' का अर्थ है ईश्वर हमारे साथ है और उसने हमें अकेला नहीं छोड़ा है। यद्यपि हम उन्हें नहीं देख सकते हैं, न ही उन्हें छू सकते हैं पर वह विभिन्न रूपों में हमसे मिलने आते रहते हैं।
इस अवसर पर संत पापा ने ' भिजीतातस्यो ' अर्थात ' मुलाक़ात ' शब्द के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि आगमन का समय ईश्वर का हमसे मिलने आने का समय है। ईश्वर हमारे जीवन में प्रवेश करना चाहते हैं और हमसे बातें करना चाहते हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए संत पापा ने कहा कि जब हम विचार करें तो पायेंगे कि हमारे पास सबकुछ के लिये बहुत समय होता है पर अपने लिये बहुत ही कम समय होता है।
उन्होंने कहा कि आगमन के काल में हमें ज़रूरत है हम कुछ क्षण मौन प्रार्थना में बितायें।
यह एक आमंत्रण है जिसमें ईश्वर चाहते हैं कि हम दिनभर की घटनाओं में यह देखें कि ईश्वर ने हमें कितना प्यार किया है।
दिन भर में घटने वाली एक-एक घटनायें ईश्वरीय प्रेम के चिह्न हैं। संत पापा ने कहा कि हम एक ' आध्यात्मिक डायरी ' रखें। इस डायरी से हम जान पायेंगे कि ईश्वर ने हमें कितना प्यार किया है और वह हमारे दिल में है।
ऐसा करने से हम उन्हीं की आँखों से पूरी दुनिया को देख पायेंगे। और तब ही हम इस बात को समझ पायेंगे कि ईश्वर के आगमन या ईश्वर का हमसे मुलाक़ात करने का क्या अर्थ है।
तब ही आगमन का समय एक आनन्द का समय बन जायेगा। यह एक आनन्द का समय है क्योंकि ईश्वर बालक बन कर हमारे बीच आने वाले हैं। इतना ही नहीं बालक येसु के साथ ईश्वर माता मरिया को भी हमें देना चाहते हैं।
माता मरिया हमारे विश्वास की आदर्श है और हमारी सहायिका भी हैं।
संत पापा ने आगे कहा कि हम सब माता मरिया की सहायता से जागते रहें और ईश्वरीय बालक के आगमन की प्रतीक्षा सतर्क होकर करते रहें।












All the contents on this site are copyrighted ©.