हनोई, वियेतनाम, 27 नवम्बर, 2009। वियेतनाम में काथलिक कलीसिया के 350 वर्षीय जुबिली
मनाने के लिये एक लाख 20 हज़ार कैथोलिकों ने हिस्सा लिया। फादर जे. बी. एन. डांग ने
सीएनए को बताया कि इस समारोह में 4 कार्डिनल 30 धर्माध्यक्ष और 1200 पुरोहितों ने भाग
लिया। जुबिली समारोह का आयोजन हनोई शहर से 43 किलोमीटर की दूरी पर सो कियेन नामक
स्थान पर किया गया था। फादर ने सीएनए को बताया कि वियेतनाम में 350 वर्ष पहले पहला
अपोस्तोलिक विखारियेट बनाया गया था। इसके साथ 50 साल पहले वियेतनाम में कैथोलिक
हयरारकी की स्थापना हुई थी। समारोह की अध्यक्षता वियेतनाम धर्माध्यक्षीय समिति के अध्यक्ष
धर्माध्यक्ष पीटर नूवेन वान नहोन ने की। धर्माध्यक्ष पीटर ने लोगों को याद दिलाया
कि इन तीन सौ पचास वर्षों में विभिन्न शासकों ने काथलिक कलीसिया पर बहुत अत्याचार किये
जिसमें करीब 1 लाख 30 हजा़र ईसाइयों ने अपने जान की कुर्बानी दी। उनमें से 117 को कलीसिया
ने संत घोषित किया है। ज्ञात हो कि जब 117 शहीदों को सन् 1988 ईस्वी में संत पापा
जोन पौल द्वितीय ने संत घोषित किया तो साम्यवादी सरकार ने इसका विरोध किया था। इन 117
शहीदों में 96 वियेनामी 11 स्पेन के और दस फ्रांस निवासी थे। फादर डांग ने बताया
कि वियेतनाम में ईसाइयों की यह दूसरी बड़ी सभा है जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग
लिया। इसके पहले भी एक बड़े सम्मेलन का आयोजन किया गया था जब पाँच लाख ईसाइयों ने
15 अगस्त को एक पुरोहित ताम तोओ पर हुए अत्याचार के विरोध में एक विरोध सभा का आयोजन
किया था। फादर डाँग ने बताया कि लोग उस समय निराश हुए जब उन्हें यह समाचार दिया गया
कि हनोई के महाधर्माध्यक्ष ने संत पापा को अपना इस्तीफा दे दिया है। बताया जाता
है कि उन पर ऐसा करने के लिये वियेतनाम सरकार की ओर से दबाव पड़ा था। ”