वाटिकन सिटीः वाटिकन में बधिरों पर 24 वाँ अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन प्रस्तुत
स्वास्थ्य सेवा में संलग्न कार्यकर्त्ताओं की प्रेरिताई हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति
के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष सीगमुण्ड ज़ीमोव्सकी ने मंगलवार को वाटिकन में आयोजित एक प्रेस
सम्मेलन में बधिरों पर 24 वें अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन की प्रस्तावना की। सम्मेलन
19, 20 एवं 21 नवम्बर 2009 को वाटिकन में सम्पन्न होगा। इसका शीर्षक हैः "एफाता, कलीसिया
के जीवन में बधिर व्यक्ति का स्थान"। सम्मेलन की प्रस्तावना करते हुए महाधर्माध्यक्ष
ज़ीमोव्सकी ने बताया कि विश्व में 27 करोड़ आठ लाख लोग कम सुनते हैं और इसके कारण सामाजिक
जीवन में पूर्णतः भागीदार नहीं हो पाते विशेष रूप से शिक्षा आदि से वंचित रह जाते हैं
तथा रोज़गार के हकदार नहीं होते है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने बताया कि इनमें पाँच करोड़
नब्बे लाख व्यक्ति पूर्णतः बहरे हैं। आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार विकसित एवं धनी
देशों में एक हज़ार बच्चों में एक बच्चा कान की कमज़ोरी या श्रवण सम्बन्धी बीमारी के
साथ पैदा होता है जबकि विकासशील एवं निर्धन देशों में यह संख्या दुगुनी है जहाँ विश्व
के अस्सी प्रतिशत बधिर जीवन यापन करते हैं। बहरेपन का कारण स्वास्थ्य सेवाओं एवं
उपयुक्त औषधियों की कमी बताया गया।