रोमः विश्व व्यापी भुखमरी की उपेक्षा के प्रति बेनेडिक्ट 16 वें चिन्तित
इटली की राजधानी रोम स्थित विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन के मुख्यालय में इस समय खाद्य
की कमी एवं क्षुधा पीड़ितों पर एक सम्मेलन सम्पन्न हुआ। सोमवार को सम्मेलन में काथलिक
कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें भी उपस्थित हुए। इस अवसर पर सदस्य
राष्ट्रों के लगभग 60 राष्ट्राध्यक्षों एवं 192 प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने
भुखमरी के प्रति उपेक्षाभाव पर गहन चिन्ता व्यक्त की। सम्मेलन में इस समस्या पर चर्चा
हो रही थी कि विश्व के छः व्यक्तियों में से एक को भूखे पेट ही सोना पड़ता है। इस
सन्दर्भ में सन्त पापा ने सम्मेलन के प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा, "प्रकाशित
आँकड़ें क्षुधा पीड़ितों की बढ़ती संख्या के साक्षी हैं जबकि यह एक ज्ञात तथ्य है कि
विश्व में सबके लिये पर्याप्त खाद्य सामग्री है। वस्तुतः," उन्होंने कहा, "जलवायु परिवर्तन
के कारण कुछेक क्षेत्रों में कम खाद्य उत्पादन हो रहा है तथापि विश्वव्यापी स्तर पर पर्याप्त
खाद्य उत्पादन हो रहा है जो वर्तमान मांग को ही नहीं अपितु भावी मांग को भी तृप्त करने
में समर्थ है।" सन्त पापा ने कहा कि इससे यह पता चलता है कि जनसंख्या वृद्धि एवं
भुखमरी का आपस में कोई रिश्ता नहीं है। उन्होंने इस बात की ओर भी ध्यान आकर्षित कराया
कि धनी देशों में आर्थिक लाभ के लिये अतिरिक्त खाद्य पदार्थों को नष्ट कर दिया जाता है
जबकि निर्धन देशों में प्रतिदिन कम से कम 15 हज़ार व्यक्ति भुखमरी के कारण मृत्यु के
शिकार हो जाया करते हैं। सन्त पापा ने विश्व के नेताओं को काथलिक कलीसिया की सामाजिक
शिक्षा से आलोकित करते हुए कहा कि किसी उच्च स्तरीय समुदाय को निम्न स्तरीय समुदाय के
आन्तरिक जीवन में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिये। इस बात की ओर उन्होंने ध्यान आकर्षित कराया
कि अनेक निर्धन देश भी इस समय वैश्विक अर्थ व्यवस्था से जुड़ गये हैं फिर भी उन्हें अन्तर-सरकारी
संस्थाओं से मदद लेने पर बाध्य होना पड़ता है। सन्त पापा ने सुझाव दिया कि स्थानीय समुदायों
को भी उन फैसलों में साथ लिया जाये जो कृषि भूमि के उपयोग को प्रभावित करते हैं। सन्त
पापा ने कहा कि विश्व से भुखमरी हटाने के लिये सबसे पहले देशों के बीच एकात्मता का होना
आवश्यक है।