संत पापा संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य और कृषि संगठन के मुख्यालय में
वाटिकन सिटी, 16 नवम्बर, 2009। संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें सोमवार 16 नवमबर को रोम में
अवस्थित संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य और कृषि संगठन के मुख्यालय गये।
संत पापा
ने लोगों को संबोधित क करते हुए कहा कि आज यह परम आवश्यक है कि लोगों में इस बात की जागरुकता
बढ़ायी जाये कि वे बिना भेदभाव के भोजन और पानी को मानव का सार्वभौम अधिकार माने।
उन्होंने
आगे कहा कि इस दस्तावेज में संत पापा ने इस बात प्रकाश डाला है कि भोजन का अधिकार इस
बात की गारंटी देता है कि मानव जीवित रहे। और जीवन का अधिकार मानव का सबसे पहला और महत्त्वपूर्ण
अधिकार है।
उन्होंने इस बात को याद दिलाया कि सन् 2000 में हुए खाद्य संबंधी
शिखर सम्मेलन में इस बात पर बल दिया गया ता कि सन् 2015 ईस्वी तक खाद्य पदार्थ के अभाव
में जीने वालों की संख्या 800 करोड़ से घट कर 400 करोड़ हो जानी चाहिये।
यह
एक भयानक त्रासदी है कि सन् 2009 में ही भूखों की संख्या एक अरब हो गयी है। यह इस बात
का संकेत है कि इससे प्रवासियों की संख्या बढ़ेगी और ऐसा होना शांति प्रयासों के मार्ग
में बाधक है।
इस लिये यह आवश्यक है कि इस समस्या से निपटारा पाने के लिये विकासशील
देशो में कृषि के विकास पर बल दिया जाये।
इतना ही नहीं विकास की प्रक्रिया में
मानव को केन्द्र में रखे जाने की आवश्यकता है।ऐसा नहीं होना पूरे विश्व के लिये दुर्भाग्यपूर्ण
होगा।