वा़टिकन सिटी, 9 नवम्बर, 2009। संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें विश्व के काथलिक नेताओं
को की सभा बुलाएँगे और उन्हें ख्रीस्तीय विश्वास का साक्ष्य देने के लिये प्रोत्साहन
देंगे।
इस सम्मेलन में जिन काथलिक नेताओं को बुलाये जाने की बात चल रही है उनमें
इंगलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर, जर्मन चांसलर अंजेला मेरकेल, अमेरिका के
उप राष्ट्रपति जो बिदेन, स्पेने के पूर्व प्रधानमंत्री होसे मरिया अज़नार और इटली के
प्रधानमंत्री सिलभियो बेरलुसकोनी प्रमुख हैं।
इस बात की जानकारी डेली मेल नामक
समाचार पत्र ने दी। इस सम्मेलन की तैयारी चर्च के अधिकारियों ने शुरु कर दी है ।
सम्मेलन
की विषयवस्तु होगी, ' राजनीतिक समुदाय को ख्रीस्त का साक्ष्य ' । इस सम्मेलन में जिन
मुद्दों पर चर्चायें होने की संभावना है वे हैं पारिवारिक जीवन, जीवन अधिकार, शिक्षा
और जैवविज्ञान।
समाचार सूत्रों ने बताया कि संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने इस
बात की चिंता व्यक्त की है कि सरकारी कार्यालयों में ख्रीस्तीय मूल्यों की कोई कद्र नहीं
की जा रही है और कई नियम ऐसे लाये जा रहे हैं जो ईसाइयों के मूल्यों के विपरीत हैं।
हाल ही में मानवाधिकार के लिये बनी यूरोपीय न्यायालय ने अपने एक फैसले में कहा
कि इटली के स्कूलों से क्रूस को हटाया जाना चाहिये।
वाटिकन सूत्रों ने इस बात
की पुष्टि की है कि वाटिकन को इस प्रकार के फैसले से परेशानी हुई है।
वाटिकन
ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि यूरोपीय न्यायालय का फैसला इटली के सांस्कृतिक धरोहर
के साथ छेड़छाड़ है।
वाटिकन के अधिकारी ने कहा कि यह अदालत का ऐसा निर्णय ग़लत
अदूरदर्शितापूर्ण और खेदपूर्ण है।