देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा द्वारा दिया गया संदेश
श्रोताओ, संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रविवार 8 नवम्बर को जोवान्नी बतिस्ता मोनतिनी
अर्थात् स्वर्गीय संत पापा पौल षष्ठम की जन्मस्थल इटली के ब्रेसिया नगर का दौरा किया।
उन्होंने समारोही ख्रीस्तयाग के अंत में विश्वासियों के साथ देवदूत संदेश प्रार्थना का
पाठ किया। इससे पूर्व दिये गये संदेश में उन्होंने कहाः- अतिप्रिय भाईयो और बहनो, मैं
इस भव्य समारोह के अंत में उन सब लोगों को हार्दिक धन्यवाद देना चाहता हूँ जो इस पूजनधर्मविधि
समारोह के आयोजन के लिए उत्तरदायी थे और जिन लोगों ने ब्रेसिया की मेरी मेषपालीय यात्रा
की तैयारी और इसे साकार करने में सहायता की है। आप सबको धन्यवाद। मैं उन सबका भी अभिवादन
करता हूँ जो संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में उपस्थित हैं तथा रेडियो और टेलेविजन
के द्वारा इस समारोह से जुडे है। मैं इटली के ला यूनियन नेशनल प्रो लोको के असंख्य कार्य़कर्त्ताओं
का विशेष रूप से धन्यवाद करता हूँ। इस देवदूत प्रार्थना समारोह में मैं कुँवारी माता
मरियम के प्रति प्रभु सेवक जोवान्नी बतिस्ता मोंतिनी की गहन भक्ति का स्मरण करना चाहता
हूँ। उन्होंने आपके शहर की मरियम स्थली, सान्ता मारिया देल्ले ग्रासिये के प्रार्थनालय
में अपना प्रथम ख्रीस्तयाग अर्पित किया जो इस चौराहे से बहुत दूर नहीं है।उन्होंने इस
तरह अपनी पुरोहिताई को येसु की माता के संरक्षण में रखा और यह संबंध आजीवन उनके साथ रहा।
जैसा कि उनकी कलीसियाई जिम्मेदारियाँ बढ़ी उन्होंने कलीसिया के रहस्य तथा धन्य कुँवारी
माता मरियम के मध्य संबंध के बारे में व्यापक तथा और अधिक संगठित दर्शन का विकास किया।
द्वितीय वाटिकन महासभा के तीसरे सत्र के समापन के अवसर पर 21 नवम्बर 1964 को दिया गया
उनका सम्बोधन स्मरणीय है। महासभा के उस सत्र के दौरान कलीसिया का दस्तावेज लुमेन जेनसियुम
प्रस्तुत किया गया। पौल षष्टम ने रेखांकित किया कि इस दस्तावेज में माता मरियम को कलीसिया
के शिखर और मुकुट के रूप में व्यक्त करते हुए एक सम्पूर्ण अध्याय उन्हें समर्पित किया
गया था। संत पापा ने गौर फरमाया कि इस दस्तावेज में मरियम भक्ति पर कलीसियाईएकतावर्द्धक
समिति द्वारा सबसे विस्तृत संशलेषण प्रस्तुत किया गया जिसका उद्देश्य कलीसिया के मुखमंडल
को प्रदर्शित करना था जिसके साथ माता मरियम गहन रूप से जुडी हैं। इस संदर्भ में उन्होंने
उदघोषणा की कि मरियम सबसे पवित्र कलीसिया की माँ हैं और जीवंत कलीसियाई एकतावर्द्धंक
संवेदना को रेखांकित करते हुए कि मरियम के प्रति भक्ति आत्माओं को ख्रीस्त की ओर तथा
पवित्र आत्मा के प्रेम में पिता के साथ संयुक्त करने की ओर उन्मुख करने का अपरिहार्य़
माध्यम है। संत पापा पौल षष्ठम के शब्दों को प्रतिध्वनित करते हुए हम आज प्रार्थना करते
हैं- कुँवारी मरियम, कलीसिया की माँ, हम आपको ब्रेशिया की कलीसिया और इस क्षेत्र के लोगों
को अर्पित करते हैं. आप अपनी सब संतान को याद करें, उनकी प्रार्थनाओं को ईश्वर के सामने
लायें, उनके विश्वास को दृढ़ रखें उनकी आशा को मजबूत बनायें, उनमें उदारता को बढ़ायें
प्रिय, मधुर कुँवारी माता मरियम।
इतना कहने के बाद संत पापा ने देवदूत प्रार्थना
का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।