2009-11-07 12:23:46

फादर मिखाएल सिन्नोत की मुक्ति अधर में


मनीला, 7 नवम्बर, 2009। फिलीपींस में मुसलिम उग्रवादियों द्वारा अपह्रत आयरिश मिशनरी फादर मिखाएल सिन्नोत्त को मुक्त कराने का अभियान सरकार और मोरो इसलामिक लिबरेशन फ्रंट के वार्ता के अधर में लटक गया है।

उक्त बातों की जानकारी एक ओबलेत पुरोहित एलिसियो मरकादो जूनियर ने उकान समाचार को दी।

उन्होंने आगे बताया कि कुछ सरकारी अधिकारी उग्रवादी संगठन एमआईएलएफ पर विश्वास करते हैं और कुछ उन्हें अविश्वसनीय बता रहे हैं।

उन्होंने सरकार पर इस बात का आरोप लगाया है कि सरकारी अधिकारी अपह्रत फादर को मुक्त कराने के मामले में ढुलमुल नीति अपना रहे हैं।
ज्ञात हो कि उग्रवादी इसलामिक संगठन के साथ वार्ता करने के लिये तीन सरकारी संगठन जुटे हुए हैं। वे हैं राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग स्थानीय और अंतरिम सरकारी अधिकारी और शांति के लिये बनी राष्ट्रपति की सलाहकार समिति।
यह भी विदित हो कि मोरो इसलामिक लिबरेशन फ्रंट नामक उग्रवादी संगठन के करीब 15 हज़ार सदस्य हैं जो दक्षिण फिलीपींस के कोताबातो क्षेत्र में सक्रिय हैं।
डीआईएलजी के सचिव रोनाल्दो पूनो ने कहा है कि इस अपहरण में उग्रवादी संगठन के 113 बेस कोमन्ड के नेता अलोय अल असरी का हाथ है।
इसके पहले सुरक्षा सचिव गिलबर्ट तेओंदोरो जूनियर ने कहा था कि अपहरणकर्त्ता इसी संगठन के लोगों का हाथ है। इस पर एमआईएलएफ के मुख्य वार्ताकार मोहागेर इकबान ने इसका घोर विरोध किया था।
अब उग्रवादी संगठऩ के सदस्य कह रहे कि वे फादर माइकेल के मुक्त कराने के मिशन में अपना योगदान नहीं देंगे। और अगर फादर माइकेल को कुछ हो जाता है तो इसके लिये पुनो को ज़िम्मेदार ठहराया जायेगा।
शांति प्रक्रिया के लिये बनी राष्ट्रपति की सलाहकार समिति की अन्नावेल अबाया ने कहा कि सबसे पहले तो फादर सिन्नोत को मुक्त किया जाना चाहिये उसके बाद इस बात पर विचार होना चाहिये कि कौन किस बात के लिये ज़िम्मेदार है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह उग्रवादी संगठन के मदद को स्वीकार नहीं करेगी।
ज्ञात हो कि 11 अक्तूबर को फादर माइकेल सिन्नोत को दक्षिण फिलीपींस के पगदिआन शहर से अपहरण कर लिया गया था।








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