कारितास द्वारा जलवायु परिवर्तन पर आकस्मिक उपाय किये जाने का आह्वान
संयुक्त राष्ट्र संघ के पास परोपकारी संगठन कारितास यह संदेश भेज रहा है कि जलवायु परिवर्तन
के कारण वि्श्व स्तर पर होनेवाली भूख की समस्या को रोकने के लिए आकस्मिक उपाय किये जाने
की जरूरत है। जलवायु परिवर्तन, खाद्य असुरक्षा और भूख शीर्षक से तैयार वक्तव्य डेनमार्क
के कोपेनहेगेन में 7 दिसम्बर को सम्पन्न होनेवाली संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा आयोजित बैठक
के प्रतिभागियों को निर्देशित है। कारितास ने कहा है कि दो सप्ताह तक चलनेवाला यह सम्मेलन
खाद्य उत्पादन, सामाजिक सुरक्षा पद्धति और आपदाओं के लिए तैयारी की स्थिति को बेहतर बनाने
के लिए आरम्भ करनेवाला कारक हो। सहायता संगठन ने कहा है कि भूख के कारण प्रभावित एक अरब
से भी अधिक लोगों की पीड़ा को कम करने के प्रयासों पर जलवायु परिवर्तन का विपरीत असर
पड़ रहा है। खाद्य सामग्रियों तक पहुँच नहीं हो पाना बीमारियों के विश्वव्यापी बोझ को
बढ़ानेवाला एकमात्र प्रमुख कारक है जिसके परिणाम स्वरूप प्रतिवर्ष कम से कम 35 लाख लोगों
की मृत्यु हो जाती है जिन्में से अधिकांश निर्ध देशों के बच्चे होते हैं। कारितास ने
चेतावनी दी है कि आगामी दशकों में भूख की समस्या अप्रत्याशित स्तर तक बढ़ सकती है। रिपोर्ट
में कहा गया है कि सन 2050 तक भूख की समस्या में 10 से 20 प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती
है