2009-11-04 12:21:01

रोमः इटली में क्रूस की प्रतिमा पर यूरोपीय अदालत के फैसले की वाटिकन द्वारा निन्दा


वाटिकन ने मानवाधिकार सम्बन्धी यूरोपीय अदालत के उस फैसले की निंदा की है जिसमें अदालत ने कहा है कि इताली पब्लिक स्कूलों में क्रूस की प्रतिमा धर्म एवं शिक्षा सम्बन्धी मानव के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन करती है।
वाटिकन के प्रेस प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी ने कहा कि क्रूस की प्रतिमा इटली के इतिहास एवं उसकी संस्कृति में धार्मिक मूल्यों के महत्व का मौलिक संकेत है। उन्होंने कहा कि क्रूस की प्रतिमा इताली लोगों की परम्परा और पहचान है तथा यह एक गहन इताली प्रश्न है जिसपर फैसला देने का यूरोपीय अदालत को कोई अधिकार नहीं। उन्होंने कहा कि यूरोपीय अदालत यूरोपीय अस्मिता और यूरोप की पहचान में ख्रीस्तीय धर्म की भूमिका को भुला देना चाहती है।
फादर लोमबारदी का वकतव्य उस समय आया जब फ्राँस के स्ट्रासबर्ग स्थित मानवाधिकार सम्बन्धी यूरोपीय अदालत ने एक महिला की अपील को स्वीकार करते हुए इटली को आदेश दिया कि वह उसे पाँच हज़ार यूरो जुर्माना भरे। महिला ने 2007 में यूरोपीय अदालत में एक अपील दायर कर पब्लिक स्कूलों में क्रूस की प्रतिमाओं पर प्रतिबन्ध का आह्वान किया था।
इटली के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने भी यूरोपीय अदालत के फैसले को निकटदृष्टिक बताकर इसकी निन्दा की है। इटली की सरकार ने कहा है कि वह अपील करेगी।








All the contents on this site are copyrighted ©.