2009-11-03 11:38:21

वाटिकन सिटीः "ख्रीस्तीय संस्कृति केवल संग्रहालय में सजाई जानेवाली कलात्मक वस्तु नहीं", बेनेडिक्ट 16 वें


सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कहा कि ख्रीस्तीय धर्म की सांस्कृतिक धरोहर केवल संग्रहालयों अथवा इतिहास की किताबों में सजाई जानेवाली कलात्मक वस्तु नहीं है।

यह बात सन्त पापा ने शनिवार को वाटिकन में बुलगारिया के नवनियुक्त राजदूत निकोला ईवानोव कालूदोव का प्रत्यय पत्र स्वीकार करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होंने कलीसियाई संस्कृति के महत्व की प्रकाशना की।

सन्त पापा ने कहा, "आपके लोगों में गहराई से व्याप्त ख्रीस्तीय संस्कृति केवल संग्रहालयों में सुरक्षित रखा जानेवाला कोई भूतकालीन कोष नहीं है अपितु एक आशाजनक भविष्य की गारंटी है क्योंकि ख्रीस्तीय संस्कृति मनुष्यों को अनवरत उन प्रलोभनों से बचाया करती है जिनसे उसपर स्वतः की प्रतिष्ठा को भूल जाने का ख़तरा बना रहता है, साथ ही यह मानव जाति की एकता को सुरक्षित रखती तथा उसके अनुकूल मानव मानव के बीच एकात्मता को अनिवार्य बनाती है।"

ख्रीस्तीय संस्कृति के महत्व को प्रकाशित कर सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कहा कि यह मनुष्य को याद दिलाती है कि समाज के विकास में आध्यात्मिक आयाम को भुलाया नहीं जा सकता। साथ ही, उन्होंने कहा, "यह राजनीतिज्ञों से भी नैतिकता की मांग करती है ताकि वे प्रभावशाली एवं निःस्वार्थ ढंग से उन कार्यों को कर सकें जो समाज द्वारा उनके सिपुर्द किये गये हैं।"








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