2009-11-02 15:15:40

देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा द्वारा दिया गया संदेश


श्रोताओ, संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रविवार 1 नवम्बर को संत पेत्रुस महामंदिर के प्रांगण में उपस्थित देश विदेश से आये तीर्थयात्रियों और पर्यट्कों के साथ देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया। उन्होंने इस प्रार्थना से पूर्व विश्वासियों को सम्बोधित करते हुए कहाः
अतिप्रिय भाईयो और बहनो,
यह संयोग है कि इस रविवार को सब संतों का समारोही पर्व मनाते हैं जो यात्री कलीसिया को इस पृथ्वी पर स्वर्गिक समूह के साथ मनाये जानेवाले अंतहीन समारोह की ओर देखने के लिए आमंत्रित करता तथा अनन्त जीवन के लिए आशा को नवीकृत करता है। रोम के प्राचीनतम और प्रमुख स्मारकों में से एक पानथियोन 14 सौ सदी पूर्व से ख्रीस्तीय गिरजाघर के रूप में प्रयोग में लाया जा रहा है यह कुँवारी मरियम और सब शहीदों को समर्पित है।
आरम्भिक कलीसिया में शहीदों की स्मृति की प्राचीन परम्परा जो बाद में सब सन्तों के एक महान समूह, जिसमें प्रत्येक देश, जाति, समूह और भाषा के हैं जिनकी कोई गिनती नहीं कर सकता है उनकी स्मृति की परम्परा बन गयी। मैं श्रद्धापूर्वक स्मरण करता हूँ, पुरोहितों को समर्पित वर्ष में उन पवित्र पुरोहितों को जिन्हें कलीसिया ने संत घोषित किया है और वे सब अनेक, असंख्य पुरोहित जिन्हें केवल ईश्वर जानते है। हम सब उन सबकी याद को सुरक्षित रखते हैं जिन्होंनें हमें विश्वास में विकसित होने तथा ईश्वर के सामीप्य और भलाई को सुनने में सहायता की है
कल हम मृत विश्वासियों का वार्षिक रूप से स्मरण करने का दिवस मनाते हैं। मेरी कामना है कि इस पूजनधर्मविधि स्मृति समारोह को यथार्थ ख्रीस्तीय भावना में मनाया जाये अर्थात् पास्काई रहस्य के आलोक में। ख्रीस्त मरे और फिर जी उठे। उन्होंने जीवन और शांति का राज्य, पिता के घर का द्वार खोल दिया। जो लोग इस जीवन में येसु ख्रीस्त का अनुसरण करते हैं उनका वहाँ स्वागत है जहाँ वे हमसे पहले गये। इसलिए जैसा कि हम कब्रिस्तान जाते हैं आइये हम याद करें कि वहाँ कब्रों में हमारे प्रियजनों के पार्थिव अवशेष हैं तथा अंतिम दिन पुर्नजीवित होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। पवित्र धर्मग्रंथ जैसा कहता है कि उनकी आत्माएँ पहले से ही ईश्वर के हाथ में हैं। इसलिए उनके प्रति सम्मान प्रदर्शित करने और प्रार्थना करने का सबसे उपयुक्त और प्रभावी तरीका है कि हम विश्वास, आशा और उदारता के कृत्य अर्पित करें। हम पवित्र यूखरिस्तीय बलिदान में संयुक्त होकर उनकी अनन्त मुक्ति के लिए मध्यस्थता करें और गहरी सामुदायिकता को अनुभव करें जैसा कि हम भी अंत में संयुक्त होने की प्रतीक्षा करते हैं ताकि अनन्तकाल तक उस प्रेम को अनुभव कर सकें जिसने हमारी सृष्टि की और हमारा उद्धार किया।
प्रिय मित्रो, सब संतों की सामुदायिकता कितनी आकर्षक और सांत्वनादायक है। यह ऐसी सच्चाई है जो हमारे जीवन में भिन्न पहलू को जोड़ती है। हम अकेले नहीं हैं। हम ऐसे आध्यात्मिक समूह में सहभागी होते हैं जहाँ गहन सह्दयता का राज है। यहाँ प्रत्येक जन का हित सबलोगों के हित में होता है और उसी तरह सामान्य खुशी प्रत्येक जन पर प्रतिबिम्बित होती है। यह एक ऐसा रहस्य है जो कुछ मायने में हम इस दुनिया में ,परिवार में, मित्रता में स्वाद पाते हैं, विशेष कर कलीसिया रूपी आध्यात्मिक समुदाय में। पवित्रतम माता मरिया पवित्रता के पथ पर चलने में हमारी सहायता करें और मृतकों की आत्माओं पर उदारता की माता दया करें।

इतना कहने के बाद संत पापा ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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