कोलकाता, 26 अक्तूबर, 2009। कोलकाता के ईसाइयों के एक संगठन ने अल्बानिया सरकार के उस
आग्रह को ' अनावश्यक विवाद ' बताया है जिसमें उन्होंने माँग की है कि धन्य मदर तेरेसा
की अस्थि को उनके सुपूर्द किया जाये।
बँगया ख्रीस्तीया परिसेवा अर्थात बेंगोल
क्रिश्चियन वेलफ़ेर फोरम ने कहा है कि धन्य मदरे तेरेसा का जन्म भले ही अल्बानिया में
हुआ था पर उन्होंने भारतीय नागरिकता ग्रहण कर ली थी इसलिये इस प्रकार की माँग करना निरर्थक
है।
मंच के सचिव हेरोद मल्लिक ने जो प्रोटेस्टंट कलीसिया के हैं काकहाना है
कि मदर की अस्थि की माँग करना ' हास्यास्पद ' और ' बेतुकी ' है।
ज्ञात हो
कि धन्य मदर तेरेसा का देहांत कोलकाता में सन् 1997 में हो गया था और उन्हें मिशनरिस
ऑफ चारिटी के मुख्यालय में कोलाकाता में ही दफनाया गया है।
भारत की सरका ने मदर
की अस्थियों के हस्तांतरण की किसी भी संभावना से इंकार किया है। भारत सरकार का कहना है
कि धन्य मदर तेरेसा भारतीय है।
अन्तरकलीसियाई मंच बीसीपी ने 23 अक्तूबर को एक
सभा का आयोजन कर इस बात की विज्ञप्ति जारी की कि वे अस्थि के हस्तांतरण की बात को ' अनावश्यक
विवाद ' मानते हैं।
बीसीपी इन अपने आशय की जानकारी संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें
के साथ बेलजियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, इंगलैंड और स्पेन को भी भेज दिया है
ताकि वे भी अल्बीनिया के आग्रह की आलोचना करें।
ज्ञात हो कि 13 अक्तूबर को अल्बीनिया
के प्रधानमंत्री ने मदर तेरेसा की जन्म की शताब्दी समारोह मनाने के लिये भारतीय सरकार
से आग्रह किया था कि उनकी अस्थि का हस्तांतरण हो। इसके पहले भी सन् 2003 ईस्वी में इसी
प्रकार का आग्रह किया जा चुका है।
ज्ञात हो कि धन्य मदर तेरेसा का जन्म 10 अगस्त
सन् 1910 को अल्बानिया के स्कोपजे में हुआ था जो अभी मसेदोनिया का एक भाग है।
मदर
तेरेसा ने सन् 1947 ईस्वी में भारतीय नागरिकता स्वीकार कर ली थी।