भुवनेश्वर, 24 अक्तूबर, 2009। भुवनेश्वर पुलिस ने मधु बाबा नामक विश्व हिन्दु परिषद्
के नेता और स्वामी लक्ष्मणनन्दा सरस्वती के अति निकटतम सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया है।
ज्ञात हो कि सन् 2008 के अगस्त महीने में स्वामी लक्षमणनन्दा की हत्या माओवादियों
ने कर दी थी। पर इसके बाद ईसाई हिंसा भड़की थी जिसमें करीब 100 लोग मारे गये थे। स्थानीय
समाचार के अनुसार 18 अक्तूबर को जलेसपेटा नामक स्थान पर अवस्थित उसके आश्रम से गिरफ्तार
कर लिया और बालीगुड़ा जेल भेज दिया। जलेसपेटा का आश्रम भुवनेश्वर से 310 किलोमीटर
की दूरी पर अवस्थित है। अदालत ने उसे गैर जमानती वारंट के अंतर्गत हिरासत में ले लिया
है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मधु बाबा की गिरफ्तारी के पिछले साल हुए ईसाई-विरोधी
हिंसा से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने बताया कि मधु बाबा को इसलिये हिरासत में ले
लिया गया है क्योंकि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है कि अतिवादी ईसाइयों पर फिर आक्रमण
करने की योजना बना रहे हैं। पिछले रिपोर्ट के अनुसार गिरफ्तार हिन्दु नेता को कई
अतिवादी और हिंसा के मामलों का दोषी माना जाता रहा है। बताया जाता है कि 8 जुलाई
सन् 2008 ईस्वी में दो ईसाई गाँवों मलीपारा और तुमुडीह बाँध में जो हमले हुए थे उसमें
मधु का ही हाथ था। इस आक्रमण में ईसाइयों के घरों को नष्ट कर दिया गया था हॉस्टेल
और फादरों के निवास स्थान को जला दिया गया था। बाईबल की प्रतियों और धर्मिक दस्तावेज़ो
को भी बरबाद कर दिया गया था। मधु बाबा को अचानक हिरासत में लेने से कंधमाल के लोगों मे
फिर से एक बार संदेह और दहशत फैल गयी है। ज्ञात हो कि हिन्दु नेता मधु बाबा के अतिवादी
विचारों से लोग पहले से अवगत है औऱ उसकी आलोचना सदा होती रही है। यह भी विदित हो
कि जिस दिन स्वामी लक्ष्मणनन्दा की हत्या हुई उस समय वह घटनास्थल पर था। इसी मधु
बाबा ने इस बात का प्रचार किया कि ह्त्या के पीछे ईसाइयों का हाथ है माओवादियों का नहीं।
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