संत पापा द्वारा भावी पीढ़ियों के भविष्य के प्रति सहदयता दिखाने का आह्वान
संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने भावी पीढ़ियों के भविष्य के प्रति सहदयता दिखानेवाले कार्य़
करने और अंतर पीढ़ी न्याय का आह्वान किया है क्योंकि भावी पीढ़ियाँ भी सृष्टि के सौंदर्य
का आनन्द लेने की हकदार हैं। संत पापा ने कुस्तुंतुनिया के आर्थोडोक्स प्राधिधर्माध्यक्ष
बारथोलोमियो प्रथम को प्रेषित पत्र में उक्त बात कही है। रेस्टोरिंग बैलेंस द ग्रेट मिसीसिपी
रिवर शीर्षक के अंतर्गत टेनेसी के मेमफिस में धर्म, विज्ञान और पर्यावरण पर आयोजित आठवीं
अंतरराष्ट्रीय गोष्ठी में भाग ले रहे प्राधिधर्माध्यक्ष बारथोलोमियो प्रथम के कार्य़ों
की संत पापा ने सराहना की है जो ईश्वर के सृष्टि रूपी उपहार के लिए सम्मान तथा सम्पूर्ण
सृष्टि की विवेक तथा जिम्मेदारीपूर्ण देखरेख करने के वैश्विक भाव का प्रसार करने का सतत
प्रयास करते रहे हैं। संत पापा ने रेखांकित किया है कि जल हमेशा से मानव हित का प्राथमिक
अपरिहार्य प्राकृतिक संसाधन रहा है। विश्व की महान नदियों जैसे मिसिसिपी के किनारे महान
संस्कृतियाँ विकसित हुई हैं तथा सदियों के इतिहास में असंख्य समुदायों की समृद्धि जलमार्ग
से जुड़ी रही हैं। इसके बावजूद आज प्रत्येक महादेश में महान जलमार्ग व्यवस्थाओं के सामने
गंभीर चुनौतियाँ हैं जो बहुधा मानव की गतिविधियों और निर्णयों का परिणाम हैं। पृथ्वी
की महान नदियों के भविष्य के प्रति चिंतन हमें समाज द्वारा विकास के लिए अपनाये गये माडल
पर गहन चिंतन करने की ओर ले चलता है। विकास की केवल आर्थिक और तकनीकि समझ जो अपनी आंतरिक
सीमितताओं को स्वीकार करने तथा मानवजाति के समग्र हित पर विचार करने पर असफल रहती है
यह अंततः प्रत्येक व्यक्ति , समुदाय और सृष्टि के खिलाफ नकारात्मक परिणामों को उत्पन्न
करती है।