वाटिकन सिटी, 19 अक्तूबर, 2009। ईसाइयों के महाधर्मगुरु संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने
कहा है कि काथलिक कलीसिया चाहती है कि वह पूरे विश्व को आशा का संदेश दे।
उक्त
बातें संत पापा ने उस समय कहीं जब वे संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में आयोजित परंपरागत
रविवारीय देवदूत प्रार्थना के समय तीर्थयात्रियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने
अपने प्रवचन को विश्व मिशन रविवार के नाम समर्पित करते हुए कहा कि यह दिन प्रत्येक ख्रीस्तीय
को स्मरण दिलाता है कि उसे सुसमाचार का प्रचार करना है विशेष करके ऐसे लोगों को जिन्होंने
इसे कभी नहीं सुना है।
उन्होंने लोगों को ईश्वरीय प्रकाश की याद दिलायी जिसे
उन्होंने मिशन रविवार के संदेश के रूप में दिया था।
उन्होंने कहा कि ईश्वर की
ज्योति लोगों के मन को प्रकाशित करे ताकि वे पूरे विश्व को एक परिवार के रूप में देख
सकें।
साथ ही लोगों को इस बात का गहरा अनुभव हो कि वे ईश्वर भले और दयालु हैं
और उन्हीं की अनुकम्पा से सारे विश्व में शांति और न्याय की स्थापना हो सकती है।
उन्होंने
इस बात को दुहराया कि ईश्वर ने कलीसिया की स्थापना इसीलिये की ताकि यह लोगों में आशा
का संचार कर सके। कलीसिया ने इस दिशा में अनेक सफ़लतायें पायीं हैं पर चर्च का मिशन इससे
समाप्त नहीं हो गया है।
चर्च के मिशन को आगे बढ़ाने के मार्ग में इसके सेवकों
को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है पर कलीसिया को अपने मिशन में आगे बढ़ते जाना
है।
इस संदर्भ में संत पापा ने ब्राजील में मारे गये एक पुरोहित की और फिलीपींस
में अपह्रत एक पुरोहित की याद की ।
उन्होंने बताया कि अफ्रीकी धर्माध्यक्षों
की द्वितीय महासभा ने आह्वान किया है कि येसु के प्यार के लिये कलीसिया को और अधिक बलिदान
करने की आवश्यकता है।
मिशन रविवार के अवसर पर संत पापा ने लोगों से अपील की है
कि ग़रीबों की मदद करें और एक-दूसरे के लिये प्रार्थना किया करें।