येसु ख्रीस्त की ज्योति के साथ अंधकार की ताकतों का सामना करें
भारत में वाटिकन के राजदूत महाधर्माध्यक्ष पेद्रो लोपेज किवन्ताना ने कहा है कि येसु
ख्रीस्त की ज्योति ईसाईयों को सक्षम बनाये ताकि वे समाज और लोगों पर प्रभावी होनेवाले
अंधकार का सामना करें। उन्होंने मुम्बई के गोरेगाँव स्थित संत पियुस सेमिनरी में आयोजित
4 दिवसीय प्रभु येसु महोत्सव में गुरूवार को ख्रीस्तयाग के दौरान प्रवचन करते समय उक्त
बातें कहीं। सम्मेलन के 1500 प्रतिभागियों के लिए संत पापा के आशीर्वाद को व्यक्त करते
हुए महाधर्माध्यक्ष किवन्ताना ने मिशन कांग्रेस के शीर्ष वाक्य लेट योर लाईट शाइन पर
चर्चा करते हुए कहा कि भूख और तकलीफ, गरीबी और हिंसा, ड्रग्स संवन तथा यौन दुर्व्यवहार
से उत्पन्न अंधकार के मध्य ईसाईयों का विशेष कर्तव्य और उत्तरदायित्व है कि येसु ख्रीस्त
के प्रकाश को लायें तथा अंधकार को दूर करें। उन्होंने कहा कि देश समाज और परिवार के सामने
विद्यमान चुनौतियों का सामना करने के लिए हर ईसाई का आह्वान किया जाता है कि वह बपतिस्मा
संस्कार से प्राप्त ज्योति के आलोक में चारों और विद्यमान अंधकार और निराशा को दूर करे।
उन्होंने भारत के 160 धर्मप्रांतो से आये सम्मेलन के प्रतिभागियों से कहा कि बपतिस्मा
संस्कार के कारण उनका दायित्व है कि वे प्रकाश के स्रोत, शक्तिशाली साक्षी तथा अपने भाई-बहनों
के लिए सहायता का स्रोत बनें। उन्होंने कहा कि ख्रीस्तीयों को अपने दिलों का दरवाजा खोलना
चाहिए ताकि वे येसु की सच्ची ज्योति का स्वागत कर सकें। इसके बदले में, प्रत्येक जन दूसरों
को प्रकाश का वरदान बाँटने के लिए उत्सुक रहे। लोग हर प्रकार की अंधता के खिलाफ संघर्ष
करें, भ्रमों से दूर रहें तथा शांति और सौहार्द से पूर्ण विश्व की रचना करें। महाधर्माध्यक्ष
किवन्ताना ने कहा कि ख्रीस्त के संदेश को सब लोगों तक पहुँचाने में ईसाईयों की अपरिहार्य़
भूमिका है।